Book Title: Agam 24 Chhed 01 Nishith Sutra Part 02 Sthanakvasi
Author(s): Amarmuni, Kanhaiyalal Maharaj
Publisher: Amar Publications
View full book text
________________
सप्तम उद्देशकः
छटठुद्देसगे सत्तमुद्देसगो एवं संबज्झति -
आहारमंतभूसा, मालियमादी उ बाहिरा भूसा ।
विगती विगतिसहावा, व बाहिरं कुन्ज संठप्पं ॥२२८७॥ छटठुद्देसगस्स अंतिमसुत्ते विगतीमाहारो पडिसिद्धो, मा तेण विगतिप्राहारेण य पोणियसरीरस्स भंतरभूसा भविस्सति । सत्तमुद्दे सगे वि प्राइमसुत्ते मालिगपडिसेहो, मा बाहिरभूसा भविस्सति ।
अहवा -- विगतीआहारातो संजमविगतसभावो बाहिरविभूसाणिमित्तं तणमालियाति करेज्ज तप्पडिसेहणत्थं इमं सुत्तं - जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए तण-मालियंवा मंज-मालियंवा वेत्त-मालियं वा
मयण-मालियं वा पिछ-मालियं वा पोंडिअ-दंत-मालियं वा सिंग-मालियं वा संख-मालियं वा हड्ड-मालियं वा भिंड-मालियं वा कट्ठ-मालियं वा पत्त-मालियं वा पुप्फ-मालियं वा फल-मालियं वा
बीय-मालियं वा हरिय-मालियंवा करेइ; करेंतं वा सातिजति।।सू०॥१॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए तण-मालियं या मुंज-मालियं वा वेत्त
मालियं वा मयण-मालियं वा पिंछ-मालियं वा पोंडिअदंत-मालियंवा सिंग-मालियं वा संख-मालियं वा हड्ड-मालियं वा भिंड-मालियं वा कट्ठ-मालियं वा पत्त-मालियं वा पुप्फ-मालियं वा फल-मालियं वा
बीय-मालियं वा हरिय-मालि वा धरेइ; धरेतं वा सातिञ्जति।सू०॥२॥ जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए तण-मालियं वा मुंज-मालियं वा वेत्त
मालियं वा मयण-मालियं वा पिंछ-मालियं वा पोडिअदंत-मालियंवा सिंग-मालियं वा संख-मालियं वा हड्ड-मालियं वा भिंड-मालियं वा
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org