Book Title: Agam 07 Ang 07 Upashak Dashang Sutra Uvasagdasao Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Nathmalmuni
Publisher: Jain Vishva Bharati
View full book text ________________
सत्तम अज्झरणं
सद्दालपुत्ते उपखव-पदं १. जइ णं भंते ! समगेणं भगवया महावीरेणं जाव' संपत्तेणं सत्तमस्स
अंगस्स उवासगदसाणं छट्ठस्स अज्झयणस्स अयमढे पण्णत्ते, सत्तमस्स
णं भंते ! अज्झयणस्स के अट्ठ पण्णत्ते ? सहालपुत्त-पदं २. एवं खलु जंबू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं ° पोलासपुरं नाम नयरं । सहस्संबवणं
उज्जाणं । जियसत्तू राया ।। ३. तत्थ णं पोलासपुरै नयरे सद्दालपुत्ते नाम कुंभकारे' आजीवियोवासए'
परिवसइ । आजीवियसमयंसि लद्धढे गहियट्ठ पुच्छियढे विणिच्छियढे अभिगय8 अट्टिमिजपेमाणुरागरत्ते । "अयमाउसो ! आजीवियसमए अट्टे अयं
परमट्टे सेसे अणद्वे" ति आजीवियसमएणं अप्पाणं भावमाणे विहरइ ।। ४. तस्स णं सद्दालपुत्तस्स आजीवियोवासगस्स एक्का हिरण्णकोडी निहाणपउत्तानो
एक्का हिरण्णकोडी वडिपउत्तानो, एक्का हिरण्णकोडी पवित्थरपउत्ताओ, एक्के
वए दसगोसाहस्सिएणं वएणं ॥ ५. तस्स णं सद्दालपुत्तस्स आजीविओवासगस्स अग्गिमित्ता नाम भारिया होत्था ।। ६. तस्स णं सद्दालपुत्तस्स आजीवियोवासगस्स पोलासपुरस्स नगरस्स बहिया
पंच कुंभारावणसया होत्था । १. सं० पा०-उक्लेवो।
(ग); आजीवियओवासगे (घ)। २. ना० १।१७।
५. ति एवं (ग)। ३. कुंभकारे इड्ढे (ख)।
६ कुंभकारा° (ख, घ)। ४. आजीवितोवासते (क); आजीवितोवासए
४१०
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org
Loading... Page Navigation 1 ... 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154 155 156 157 158 159 160 161 162 163 164 165 166 167 168 169 170 171 172 173 174 175 176 177 178 179 180 181 182 183 184 185 186 187 188 189 190 191 192 193 194 195 196 197 198 199 200 201 202 203 204 205 206 207 208 209 210 211 212 213 214 215 216 217 218 219 220 221 222 223 224 225 226 227 228 229 230 231 232 233 234 235 236 237 238 239 240 241 242