Book Title: Agam 07 Ang 07 Upashak Dashang Sutra Author(s): Publisher: ZZZ Unknown View full book textPage 2
________________ . . . . . गुलेदगढनिवासी आत्मार्थी बंधुः । श्रीयुत नेमीदासजी श्रीमलजीकी ओरसे, जैनसमाचार के ग्राहकांको बक्षीस! '... . .. . जैन शास्त्रमाला खंड १ में पृट ७८ छपे गये थे, इस साबसें यह दूसरा खंड पृष्ट ७९ से शुरु किया जाता है. पृष्टः १. से ७८ तकके पहले खंडमें श्री विपाक सूत्र" अथइति छापा था, पृष्ट ७९ से १४० तक के दूसरे खंडमें श्री. उपासक- दशांग " सूत्र अथ इति छपा गया है, और तीसरे खंडमें, पृष्ट १४१ से श्री “निरावलीका सूत्र " शुरू किया जायगा. . . -":.-.:...... . . .. . . . साधु-साध्वी और जनशालाके लिये 9 अमूल्य दिया जायगा. जिसे चाहिये निचे लिखे पतेसे मंगवा ले. पताः-श्रीयुत नेमीदासजी श्रीमलजी. गुलेदगढ (बीजापुर).Page Navigation
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