Book Title: Agam 05 Bhagavai Panchamam Angsuttam Mulam PDF File
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

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Page 8
________________ सतं-१, वग्गो- ,सत्तंसत्तं- , उद्देसो-१ अणाघाइज्जमाणा, अणासाइज्जमाणा अणंतगुणा, अफासाइज्जमाणा अणंतगुणा। तेइंदियाणं घाणिंदिय-जिभिंदिय-फासिंदियवेमायत्ताए भुज्जो भुज्जो परिणमंति। चरिंदियाणं चक्खिंदिय-घाणिंदिय-जिभिदिय-फासिंदियत्ताए भुज्जो भुज्जो परिणमंति। पंचिदियतिरिक्खजोणियाणं ठितिं भाणिऊण ऊसासो वेमायाए। आहारो अणाभोगनिव्वत्तिओ अणुसमयं अविरहिओ। आभोगनिव्वत्तिओ जहन्नेणं अंतोमुहत्तस्स, उक्कोसेणं छट्ठभत्तस्स। सेसं जहा चरिंदियाणं जाव चलियं कम्मं निज्जरेंति। एवं मणुस्साण वि। नवरं आभोगनिव्वत्तिओ जहन्नेणं अंतोमुहत्तं, उक्कोसेणं अट्ठमभत्तस्स। सोइंदिय ५ वेमायत्ताए भुज्जो भुज्जो परिणमंति। सेसं तहेव जाव निज्जरेंति। वाणमंतराणं ठिईए नाणत्तं। अवसेसं जहा नागकुमाराणं | एवं जोइसियाण वि। नवरं उस्सासो जहन्नेणं महत्तपुहत्तस्स, उक्कोसेण वि मुहत्तपुहत्तस्स। आहारो जहन्नेणं दिवसपुहत्तस्स, उक्कोसेण वि दिवसपुहत्तस्स। सेसं तहेव।। वेमाणियाणं ठिती भाणियव्वा ओहिया। ऊसासो जहन्नेणं मुहत्तपुहत्तस्स, उक्कोसेणं तेतीसाए पक्खाणं। आहारो आभोगनिव्वत्तिओ जहन्नेणं दिवसपुहत्तस्स, उक्कोसेणं तेतीसाए वाससहस्साणं। सेसं तहेव जाव निज्जरेंति। [२२] जीवा णं भंते! किं आयारंभा? परारंभा? तदुभयारंभा? अणारंभा? गोयमा! अत्थेगइया जीवा आतारंभा वि, परारंभा वि, तदुभयारंभा वि, नो अणारंभा। अत्थेगइया जीवा नो आयारंभा, नो परारंभा, नो तदुभयारंभा, अणारंभा। से केणठेणं भंते! एवं वुच्चति-अत्थेगइया जीवा आयारंभा वि? एवं पडिउच्चारेतव्वं। गोयमा! जीवा विहा पण्णत्ता। तं जहा-संसारसमावन्नगा य असंसारसमावन्नगा य। तत्थ णं जे ते असंसारसमावन्नगा ते णं सिद्धा, सिद्धा णं नो आयारंमा जाव अणारंभा। तत्थ णं जे ते संसारसमावन्नगा ते विहा पण्णता। तं जहा-संजता य, असंजता य। तत्थ णं जे ते संजता ते विहा पण्णत्ता। तं जहापमत्तसंजता य, अप्पमत्तसंजता य। तत्थ णं जे ते अप्पमत्तसंजता ते णं नो आयारंभा, नो परारंभा, जाव अणारंभा। तत्थ णं जे ते पमत्तसंजया ते सुभं जोगं पडुच्च नो आयारंभा जाव अणारंभा, असुभं जोगं पडुच्च आयारंभा वि जाव नो अणारंभा। तत्थ णं जे ते असंजता ते अविरतिं पडुच्च आयारंभा वि जाव नो अणारंभा। से तेणठेणं गोतमा! एवं वुच्चइ-अत्थेगइया जीवा जाव अणारंभा। नेरइया णं भंते! किं आयारंभा? परारंभा? तभयारंभा? अणारंभा? गोतमा! नेरइया आयारंभा वि जाव नो अणारंभा। से केणठेणं? गोयमा! अविरतिं पइच्च। से तेणठेणं जाव नो अणारंभा। एवं जाव पंचिंदियतिरिक्खजोणिया। मणुस्सा जधा जीवा। नवरं सिद्धविरहिता भाणियव्वा। वाणमंतरा जाव वेमाणिया जधा नेरतिया। सलेसा जधा ओहिया । किण्हलेस-नीललेस-काउलेसा जहा ओहिया जीवा, नवरं पमत्तअप्पमत्ता न भाणियव्वा। तेउलेसा पम्हलेसा सुक्कलेसा जधा ओहिया जीवा नवरं सिद्धा न भाणितव्वा। [२३] इहभविए भंते! नाणे? परभविए नाणे? तद्भयभविए नाणे? गोयमा! इहभविए वि [दीपरत्नसागर संशोधितः] [7] [५-भगवई

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