Book Title: Agam 02 Ang 02 Sutrakrutang Sutra Suyagado Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Nathmalmuni
Publisher: Jain Vishva Bharati
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आगम के प्रबंध-संपादक श्री श्रीचन्दजी रामपुरिया प्रारंभ से ही आगम कार्य में संलग्न रहे हैं। आगम साहित्य को जन-जन तक पहुंचाने के लिए ये कृत-संकल्प और प्रयत्नशील हैं। अपने सुव्यवस्थित बकालत कार्य से पूर्ण निवृत्त होकर अपना अधिकांश समय आगमसेवा में लगा रहे हैं। 'अंगसुत्ताणि' के इस प्रकाशन में इन्होंने अपनी निष्ठा और तत्परता का परिचय दिया है।
जैन विश्व भारती के अध्यक्ष श्री खेमचन्दजी सेठिया, जैन विश्व भारती के कार्यालय तथा आदर्श साहित्य संघ के कार्यालय के कार्यकर्ताओं ने पाठ-सम्पादन में प्रयुक्त सामग्री के संयोजन में बड़ी तत्परता से कार्य किया है।
एक लक्ष्य के लिए समान गति से चलने वालों की समप्रवत्ति में योगदान की परम्परा का उल्लेख व्यवहार-पूर्ति मात्र है। वास्तव में यह हम सबका पवित्र कर्तव्य है और उसी का हम सबने पालन किया है।
मुनि नथमल
अणुव्रत-विहार नई दिल्ली २५०० वां निर्वाण दिवस
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