Book Title: Acharang Churni Author(s): Jindasgani Mahattar, Publisher: Rushabhdevji Keshrimalji Shwetambar Samstha View full book textPage 4
________________ श्रीआचागंग सूत्रचूर्णिः ॥२॥ IMPAIMIMAHITIHAR अनुयोगअगादिदिगंतनिक्षेपाः द्वाराणि Mami उद्देसो समुद्देसो अणुण्णा अणुयोगो य पवत्तति, तत्थ उद्देससमुद्देसअणुण्णाओ गयाओ, इह तु अणुओगेणं अहिगारो, सो चउबिहो, तंजहा-चरणकरणानुयोगो धम्माणुयोगो गणियाणुयोगो दवियाणुयोगो, सो पुण दुविहो-पुहुत्ताणुयोगो अपुहुत्ताणुयोगो, अपुहुत्ते एकेके अणुयोगद्वारे चत्तारिवि समोयारिजंति, अपुहुत्तं जाव अञ्जबइरोत्ति, एत्थ अञ्जवहरऽजरक्खित पुस्समित्ततिगं च घेतूणं जहय पुहुत्ता कया तह भाणियवं, इह चरणकरणाणुयोगेणं अहिगारो, सो य इमेहिं दारेहिं अणुगंतवो, तंजहा-णिक्खेवेगट्ठ णिरुत्त विही पवत्ती अ केण वा कस्म । तद्दारभेदलक्खणतदरिहपरिसा य सुत्तत्थो॥१॥ एयाए गाहाए अत्थो जहा कप्पपेढियाए, | गवरं कस्सत्ति द्वारं इमं भण्णइ-कप्पे वणियगुणेण आयरिएणं, कस्स कहेयत्वो?, सवस्सेव सुतनाणस्स, विसेसेण पुण आयारस्स, जेण इह चरणकरणजातामातावत्तीओ धम्मो आपविजइ, आयारस्म अणुयोगो, 'आयारेणं भंते ! किं अंगं अंगाई सुतखंधो सुतखंधा | अज्झयणं अज्झयणा उद्देसो उद्देसा?, आयारेणं अंगं नो अंगाई नो मयखंधो सुयखंधा नो अज्झयणं अज्झयणा नो उद्देसो उद्देसा, तम्हा आयारं निक्खिविस्सामि अंगं निक्खिविस्मामि सुयं निक्खिविस्वामि खंध निक्खिविस्साभि बंभं निक्खिविस्सामि चरणं निक्विविस्मामि सन्थं निक्विविम्मामि परिणं निक्खिविस्मामि सन्नं निक्विविस्सामि दिसं णिक्विविम्सामि, एत्थ पुण चरण| दिसावजाणं दाराणं सव्वेसि चउको निक्खेवो, चरणस्स दिसाणं तु छक्को, तन्य गाथा 'चरणदिसावजाणं'(३-४)वितियगाहा 'जस्थ तु जं जाणेज्जा'(४-४) एम निक्खेवलक्षणगाहा,आयारो चउबिहो जहा खुड्डियायारे तहा दव्यायारो भावायारो य भाणि| यवा, तत्थ पंचविहेण भावायारेण अहिगारो, तस्य य इमे सत्त दारा भवंति, तंजहा-तस्सेगह पवत्तण'गाहा (५-६) एगट्ठियाइओ जहा 'आयारो आचाले' गाहा (७५) तत्थ आयारो पुवभणिओ, दाणिं आचालो, मो चउविहो, तत्थ दव्वे जहा बातो वृक्षं Narani animals animatlam Namananm ॥२ ॥Page Navigation
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