Book Title: Aaptpariksha
Author(s): Vidyanandswami
Publisher: Jain Sahitya Prasarak Karyalay

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Page 4
________________ शुद्धिपत्र। पृष्ठ सं० पंक्ति सं० १४-१५ २१ 0 0 अशुद्ध प्रसगात् कायत्वाबाधक कार्योत्पत्ती वाऽपेक्षामाणता परीक्षाक्षम दषयमाह नष्टेविरुद्ध प्रयोकत्व व्यतिरेकानुं सह्यावध्यादि नामेकं वाद्विशिष्ट प्रसंगात .. कार्यत्वाबाधकं कार्योत्पत्तौ वाऽपेक्षमाणता परीक्षाक्षम दूषयन्नाह नेष्टविरुद्ध प्रयोक्तत्व व्यतिरेकानु सर्विध्यादि नामेक १२ . . १७ . Jarrusatul brasserito super २२-२३ १५-१६ १२ त्वादिष्टि २१ W तावदसिद्ध ६४ * तत्वादि तन्वादि वृक्ष वृक्षा भताना भूतानां तावदसिद्धं समवायिषु इति. समयायिषु समवाय इति दषित दूषित सर्व सर्व सच्याप्नोंतीति सकृयामोतीति ब्रयान्न बयान तता ततो तदि ७ . : *

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