Book Title: Aagam 43 Uttaradhyanani Choorni
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

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Page 5
________________ मूलाङ्का: १६४०+८८ उत्तराध्ययन मूलसूत्रस्य विषयानुक्रम दीप-अनुक्रमा: १७३१ । पृष्ठांक: २५५ पृष्ठांक: રાક૬ २७७ २५६ २६५ २७८ २६८ मूलांक: अध्ययनं ०६१४ | १९ मृगापुत्रिक ०७१३ | २० महानिर्ग्रन्थियं ०७७३ | २१ समुद्रपालितं ०७९७ | २२ रथनेमिय ०८४७ | २३ केशीगौतमियं ०९३६ | २४ प्रवचनमाता ०९६३ | २५ यज्ञकियं १००० | २६ सामाचारी १०५९ | २७ खलुंकियं मूलांक: अध्ययनं १०७६ | २८ मोक्षमार्गगति: १११२ | २९ सम्यक्त्व पराक्रम १९८९ |३० तपोमार्गगति: १२२६ |३१ चरणविधि: १२४७ |३२ प्रमादस्थानं १३५८ | ३३ कर्मप्रकृत्ति: १३८३ | ३४ लेश्या-अध्ययनं १४४४ | ३५ अणगारमार्गगति: १४६५ | ३६ जीवाजीव-विभक्तिः २७९ २८० २६९ २७१ २८१ २७२ २८३ २७४ २८४ २८५ २७५ मुनि दीपरत्नसागरेण संकलिता: आगमसूत्र - [४३], मूलसूत्र - [०३] उत्तराध्ययन नियुक्ति: एवं जिनदासगणि-रचिता चूर्णि: [4]

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