Book Title: Aagam 25 AATUR PRATYAKHYAN Moolam evam Chaayaa Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar Publisher: Deepratnasagar View full book textPage 1
________________ ' [२५] श्री आतुरप्रत्याख्यान (प्रकीर्णक)सूत्रम् नमो नमो निम्मलदसणस्स पूज्य श्रीआनंद-क्षमा-ललित-सुशील-सुधर्मसागर गुरुभ्यो नमः । "आतुरप्रत्याख्यान” मूलं एवं छाया [मूलं एवं संस्कृतछाया] [आदय संपादकः - पूज्य आगमोद्धारक आचार्यदेव श्री आनंदसागर सूरीश्वरजी म. सा. ।। (किञ्चित् वैशिष्ठ्यं समर्पितेन सह) पुन: संकलनकर्ता- मुनि दीपरत्नसागर (M.Com., M.Ed., Ph.D.) | 15/01/2015, गुरुवार, २०७१ पौष कृष्ण १० jain_e_library's Net Publications मुनि दीपरत्नसागरेण संकलित......आगमसूत्र-[२५], प्रकीर्णकसूत्र-[२] “आतुरप्रत्याख्यान" मूलं एवं संस्कृतछायाPage Navigation
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 ... 17