Book Title: Aagam 05 BHAGVATI Moolam evam Vrutti
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar
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१९४४
मूलाइका: ८६८ + ११४ मलांक:: विषय:
पृष्ठांक | शतक-२४
१६१३ ८३५ | उद्देशक: ०१ नैरयिक
१६१३ ८४३ | उद्देशक: ०२ परिमाण
१६३९ ८४४ | उद्देशक: ०३-११नागादिकमारा | १६४५ ८४६ | उद्देशक: १२-१६ पृथ्व्यादि। १६४९ ८५३ | उद्देशक: १७-२० बेईन्द्रियादि १६७० ८५७ उद्देशक: २१-२४ मनुष्यादि।
१६८८ शतक - २५
१७०७ उद्देशका: १-१२ लेश्या, द्रव्य, | १७०७ संस्थान, युग्म,पर्यव, निर्गन्थ संयत, ओघ, भव्य, अभव्य, | --- सम्यग्दृष्टि, मिथ्यादृष्टि
शतक - २६ ९७५ | उद्देशका: १-११ जीव, लेश्या,
पखिय, दृष्टि, अज्ञान, ज्ञान, संज्ञा,वेद,कषाय,उपयोग,योग शतक-२७
१८७९ ९९१ | उद्देशका: १-११ जीव आदि-- | १८७९
जाव २६ शतक
भगवती (अङ्ग)सूत्रस्य विषयानुक्रम | मलांक: | विषय:
| पृष्ठांक: | शतक - २८
१८८० ९९२ | उद्देशका: १-११ जीव आदि-- | १८८०
जाव २६ शतक | शतक - २९
१८८३ ९९५ | उद्देशका: १-११ जीव आदि--
१८८३ | जाव २६ शतक शतक-३०
१८८७ ९९८ । उद्देशका: १-११ समवसरण, १८८७
लेश्या आदि शतकं -३१
१८९९ १००३ | उद्देशका: १-२८ युग्म, नरक, । १८९९
____ उपपात आदि विषयका:
शतकं - ३२ १०१६ | उद्देशका: १-२८ नारक्स्य --- १९०५
उदवर्तन, उपपात, लेश्यादि | शतक-३३
१९०६ १०१८ | एकेन्द्रिय शतकानि-१२ १९०६ शतकं- ३४
१९१२ १०३३ | एकेन्द्रिय शतकानि-१२। १९१२
दीप-अनुक्रमा: १०८७ मलाक: विषय:
पृष्ठांक: शतक - ३५
१९३२ १०४४ एकेन्द्रिय शतकानि-१२
शतक - ३६ १०५८ | बेन्द्रिय शतकानि-१२
| शतकं-३७ १०६१ | त्रिन्द्रिय शतक
शतकं - ३८ १०६२ चतुरिन्द्रिय शतक
शतकं - ३९ १०६३ असंजीपंचेन्द्रिय शतकानि शतकं - ४०
१९४७ १०६४ संजीपंचेन्द्रिय शतकानि शतक-४१
१९५४ १०६८ से | उद्देशका: १-१९६ राशियुग्म, ---१०७९ | ज्योजराशि, दवापरयुग्मराशि
कल्योजराशि इत्यादि
१९०५
RA
१९६१
१०८० से | उपसंहार गाथा ---१०८६ | परिसमाप्त: ।
-१९६५
मुनि दीपरत्नसागरेण संकलित......आगमसूत्र-[०५], अंग सूत्र-[०५] "भगवती" मूलं एवं अभयदेवसूरि-रचित वृत्तिः
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