Book Title: Aagam 05 BHAGVATI Moolam evam Vrutti
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

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Page 1
________________ श्री भगवती - [अङ्ग]सूत्रम् नमो नमो निम्मलदंसणस्स पूज्य श्रीआनंद-क्षमा-ललित-सुशील-सुधर्मसागर गुरुभ्यो नमः “भगवती" मूलं एवं वृत्तिः (अपरनाम- "व्याख्याप्रज्ञप्ति") [मूलं एवं अभयदेवसूरि रचित वृत्तिः] [आद्य संपादकः - पूज्य आगमोद्धारक आचार्यदेव श्री आनंदसागर सूरीश्वरजी म. सा. ] (किञ्चित् वैशिष्ठ्यं समर्पितेन सह ) पुनः संकलनकर्ता→ मुनि दीपरत्नसागर (M.Com., M.Ed., Ph.D.) jain_e_library's Net Publications 015/08/2014, शुक्रवार, २०७० श्रावण कृष्ण ५ मुनि दीपरत्नसागरेण संकलित आगमसूत्र- [०५], अंग सूत्र- [०५] “भगवती" मूलं एवं अभयदेवसूरि-रचित वृत्तिः ~0~

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