Book Title: Vruhhajain Vani Sangraha Author(s): Ajitvirya Shastri Publisher: Sharda Pustakalaya Calcutta View full book textPage 6
________________ नाम पाठ - पृष्ठ नाम पाठ भागचन्द्रकृत स्तुति (२) ४० श्रीमहावीरप्रार्थना भूधरकृतस्तुति ४१, आचार्यवर्य रविषेणस्तुति ७४ भूधरकृत दर्शनस्तुति , ४२. आचार्यवर्य जिनसैनस्तुति . ७५ दुखहरण विनती . . 5110 -४३ तृतीय अध्याय। अरहंतस्तुति ......४५ तोला । जिनवचनस्तुति .. ४७. वृहत्स्वयंभूस्तोत्र .७५ संकटमोचन विनतो ... ....५०. जिनसहस्रनामस्तोत्र - श्रीपतिस्तुति : ...५४ भक्तामरस्तोत्र संस्कृत ' ' ... जिनेन्द्रस्तुति ...५५ भक्तामरस्तोत्र भाषा १०८ भूधरकृत स्तुति .. ५६. कल्याणमंदिरस्तोत्र संस्कृत ' "११५ करुणाष्टक ५७ कल्याणमंदिरस्तोत्र भाषा : १२० जिनेन्द्रस्तुति ५७. एकीभावस्तोत्र संस्कृत १२५ पार्श्वनाथस्तुति . , ... ५६ एकीभावस्तोत्र भाषा १२८ भूधरकृत पार्श्वनाथस्तुति , '.६० विषापहारस्तोत्र संस्कृत... १३२ जिनवाणीमाताकी स्तुति, ६२ विपापहारस्तोत्र भाषा .१३६ शारदाष्टक ६३, जिनचतुर्विशतिका संस्कृत । १४२ शारदास्तवन प्रभाती , ६५. भूपालचतुर्विंशतिका भाषा १४६ . गुर्वावली . . -६५ महावीराष्टकस्तोत्र : १५६, भूधरकृत गुरुस्तुति (१) ७० अकलंकस्तोत्र ।' : . १५२, भूधरकृत गुरुस्तुति (२) , ७१ नामावलीस्तोत्र प्रातःकालकी स्तुति ७२ पाश्वनाथस्तोत्र सायंकालकी स्तुति - ७३ - अहिछितपार्श्वनाथस्तोत्र ' १५७Page Navigation
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