Book Title: Vividh Puja Sangraha Author(s): Shravak Bhimsinh Manek Publisher: Shravak Bhimsinh Manek View full book textPage 9
________________ ॥ अथ पंडितश्रीवीरविजयजीकृत स्नात्रपूजा प्रारंनः॥ ॥ काव्यं ॥ पुतविलंबितवृत्तम् ॥ सरसशांतिसुधारससागरं ॥ शुचितरं गुणरत्नमहागरं॥ नविकपंकजबोधदिवाकरं ॥ प्रतिदिनं प्रणमामि जिनेश्वरं ॥१॥ ॥ दोहा॥ ॥कुसुमाजरण उतारीने, पमिमा धरीय विवेक ॥ मऊन पीठे थापीने, करीए जल अनिषेक ॥२॥ ॥ गाथा आर्या गीति ॥ जिण जम्म समय मेरु॥ सिहरं रयण कणय कलसेटिं॥ देवा सुरहि एहवि ॥ ते धन्ना जेहिं दिछोसि ॥३॥ ॥ कुसुमांजलि ॥ ढाल॥ ॥ निर्मल जल कलशे न्हवरावे ॥ वस्त्र अमूलक Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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