Book Title: Virodaya Mahakavya
Author(s): Bhuramal Shastri
Publisher: Gyansagar Vagarth Vimarsh Kendra Byavar

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Page 365
________________ शब्द अक अकाण अक्ष अग अगद अङ्क अङ्गसार अङ्गारिका अङ्घ्रि अचित् अचित्त अज अजस्र अणु अदन अदिति अद्रिशासिन् अधीति अध्यक्ष अध्वग अध्वनीन अनक अनङ्ग अनच्छ अनन्त अनभ्राज अनिश अनीक अनुपभ अनुमा Jain Education International 272 कतिपय क्लिष्ट शब्दों का अर्थ अर्थ दुःख चक्षुष्मान् इन्द्रिय पर्वत, वृक्ष औषधि गोद, चिह्न शरीरबल अंगीठी चरण जड़ जीव-रहित बकरा निरन्तर परमाणु भक्षण देव- माता देव अध्ययन प्रत्यक्ष यात्री पथिक दोष रहित काम मलिन शेषनाग मेघराज निरन्तर सेना उत्तम अनुमान शब्द अनूचान अनोकह अन्यपुष्ट अन्वय अप अपराग अप अपाङ्ग अब्ज अब्जप अब्जिनी अब्धितुक् अभिजात अभिधा अभ्यसूया अभ्रंलिड् अमत्र अमन्द अमीर अमृताशन अम्बर अम्बुरुह असुन अयुति अयन अर अरम् अर्क अर्ति अर्यमन् For Private & Personal Use Only अर्थ ब्रह्मचारी वृक्ष कोकिल वंश जल विरक्त निष्प्रभ कटाक्ष कमल, चन्द्र सूर्य कमलिनी चन्द्र श्रेष्ठ नाम ईर्ष्या आकाशव्यापी पात्र तेज धनवान् देव आकाश कमल हजार वियोग F स्थान, मार्ग शीघ्र शीघ्र सूर्य पीड़ा सूर्य www.jainelibrary.org

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