Book Title: Virodaya Mahakavya
Author(s): Bhuramal Shastri
Publisher: Gyansagar Vagarth Vimarsh Kendra Byavar
View full book text
________________
अन्धकार
सूर्य
कपूर उल्लू
Urrrrrrrrrrrr275 cm स्वभाव, डोरी
तमस् गोपुर
नगर-द्वार
तरणि धनसार
ताति घूक
तार्क्ष्य घूमना, कांपना
तार्क्ष्यकेतु चक्रवाकी
चकवी
तिमिर चञ्चरीक
भ्रमर
तुक् चन्द्राश्म
चन्द्रकान्त
वस्त्र
घूर्ण
पंक्ति
गरूड़ गरुड़ध्वज अन्धकार
पुत्र यवन
शीघ्र रूई, विस्तार
स्वर्ग
चीर चेतस्
तूर्ण
चित्त
चैत्यदुम
त्रिदिव त्रिविष्टप
स्वर्ग
मूर्तियुक्त-वृक्ष
बकरा
बकरा (जलज)कमल
वेता
दन्तच्छद दन्तिन्
स्त्री
दरी
छगल छाग जडज जनी जनुष् जम्पती जलद जलौकस् जव जवजव जातिस्मृति
तीसरा युग
ओष्ठ हाथी गुफा पत्र चोर माला
दल
स्त्री-पुरुष
मेध जलचर
दस्यु
दाम
वेग
दार - दिनप दिनेश
स्त्री सूर्य सूर्य
जायु
दिव
जोष झज्झा झलंझला झष डम्बर
संसार पूर्व जन्म-ज्ञान
औषधि मौन
आंधी झज्झावायु
मच्छ आडम्बर बालक तालाब
दिशा दुकूल दुरन्त
आकाश दिशा
वस्त्र
असीम मेध-युक्त-दिन
दुर्दिन दुरित
पाप
दृप्त
उद्धत
नेत्र
पुत्र
तटाक तनय तनुजा तति
द्दश दूरेक्षणयन्त्र दोबली दोःशक्ति
पुत्री समूह
दूरबीन बाहुबलि
बाहुबलि
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org

Page Navigation
1 ... 366 367 368 369 370 371 372 373 374 375 376 377 378 379 380 381 382 383 384 385 386 387 388