Book Title: Viroday Mahakavya Aur Mahavir Jivan Charit Ka Samikshatmak Adhyayan Author(s): Kamini Jain Publisher: Bhagwan Rushabhdev Granthmala View full book textPage 6
________________ प्रकाशकीय समर्पण आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज मुनिश्री सुधासागर जी महाराज पंचाचार युक्त, महाकवि, दार्शनिक विचारक धर्मदिवाकर, आदर्श चारित्रनायक, कुन्द-कुन्द की परम्परा के उन्नायक, संत शिरोमणि, समाधि सम्राट, ___ परम पूज्य आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के कर-कमलों में एवं इनके परम सुयोग्य शिष्य ज्ञान, ध्यान तप युक्त श्रमण संस्कृति के रक्षक, क्षेत्र जीर्णोद्धारक, वात्सल्य मूर्ति, समता स्वाभावी, जिनवाणी के यथार्थ उद्घोषक, आध्यात्मिक एवं दार्शनिक संत मुनि श्री सुधासागर जी महाराज के कर-कमलों में आचार्य ज्ञानसागर वागर्थ विमर्श केन्द्र ब्यावर (राज.) एवं श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र मन्दिर संघीजी, सांगानेर, जयपुर की ओर से सादरसमर्पितPage Navigation
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