Book Title: Vinaychandra kruti Kusumanjali
Author(s): Bhanvarlal Nahta
Publisher: Sadul Rajasthani Research Institute Bikaner

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Page 9
________________ हेतु इस संस्था को इस वित्तीय वर्ष में प्रदान की गई है; जिससे इस वर्ष निम्नोक्त ३१ पुस्तकों का प्रकाशन किया जा रहा है । १. राजस्थानी व्याकरण श्री नरोत्तमदास स्वामी २. राजस्थानी गद्य का विकास (शोध प्रबंध) : डा० शिवस्वरूप शर्मा अचल . ३. अचलदास खीची री वचनिका श्री नरोत्तमदास स्वामी ४. हमीराय - श्री भंवरलाल नाहटा ५. पद्मिनी चरित्र चौपई६. दलपत विलास श्री रावत सारस्वत ७. डिंगल गीत " " " . ८. पंवार वंश दर्पण डा० दशरथ शर्मा ६. पृथ्वीराज राठोड़ ग्रंथावली श्री नरोत्तमदास स्वामी और . श्री बद्रीप्रसाद साकरिया १०. हरिरस श्री बद्रीप्रसाद साकरिया ११. पीरदान लालस ग्रंथावली श्री अगरचन्द नाहटा १२. महादेव पार्वती वेलि श्री रावत सारस्वत १३. सीताराम चौपई श्री अगरचन्द नाहटा १४. जैन रासादि संग्रह श्री अगरचन्द नाहटा और डा० हरिवल्लभ भायारणी १५. सदयवत्स वीर प्रबन्ध प्रो० मंजुलाल मजूमदार १६. जिनराजसूरि कृतिकुसुमांजलि श्री भंवरलाल नाहटा १७. विनयचन्द कृतिकुसुमांजलि१८. कविवर धर्मवद्धन ग्रंथावली श्री अगरचन्द नाहटा १६. राजस्थान रा दूहा--- श्री नरोत्तमदास स्वामी २०. वीर रस रा दूहा-- " , " २१. राजस्थान के नीति दोहा श्री मोहनलाल पुरोहित २२. राजस्थान व्रत कथाएं " " " २३. राजस्थानी प्रेम कथाएं " " " २४. चंदायन-- श्री रावत सारस्वत Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org

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