Book Title: Vijapur Bruhat Vrutant
Author(s): Buddhisagar
Publisher: Adhyatma Gyan Prasarak Mandal

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Page 307
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra क्षत्रप. ( २४१ ) भारतके प्राचीन राजवंशके ऐतिहासिक पुस्तकमेंसे. शक संवत्. यशोदामा प्रथम विजय सेन विश्वसिंह भर्तृदामा विश्वसेन.. (रुद्रसिंह द्विती काश ) महाक्षत्रप. रुद्रसिंह द्वितीय २२७- २३१ यशोदामा द्वि तीय. २३९-२५४ यशोदामा प्रथम विजय सेन www.kobatirth.org स्वामी रुद्रदामा द्वितीय स्वामी रुद्रसेन स्वामी सिंहसेन स्वामी रुद्रलेन विक्रम संवत् ईसवी सन् - स्वामी सत्यसिंह स्वामी रुद्रसिंह २९५ १९५ १६० १६० | १९९,२००, २०१३३४.३३२.३३६२७७,२७८,२७९ २०१२०४ ३३६-३३९ २१६,२२६ ३५१-३६१ Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ३६२-३७० १ ३७४-३८९ तृतीय | २७० - ३०० ४०५-४३५ ...... १७८-६९६ ३१३-३३१ २५६-२७४ दामजदश्री तृतीय १७२, १७३१७६ ३०७,३०८.३११२५०, २५१,२५४ रुद्रसेन द्वितीय विश्वसिंह भर्तृदामा. (रुद्रसिंह द्वितीय का वंश ) १××, २११, २१७ ३३९-३४६-३५२ चतुर्थ | ३०४-३०x ४३९-४४१ ૨૮ २३८ शक संवत्. विक्रम संवत्, ईसवी सन्. १६१ १६२-१७२ २९६ २३९ २९७-३०७ २४०-२५० तृतीय | ३१० या ३१× ४४५ या४४x २१९, २८२... २९४,३०४ For Private And Personal Use Only ३०५-३१३ ३१७-३३२ ३४८-३७८ ३८२-३८४ ३८८ या३८४

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