Book Title: Vijapur Bruhat Vrutant
Author(s): Buddhisagar
Publisher: Adhyatma Gyan Prasarak Mandal

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Page 314
________________ For Private And Personal Use Only नम्बर धूमराज १ सिन्धुराज उत्पलराजा आरण्यराज ४ कृष्णराज ५ धरणीवराह ६ महिपाल ( देवराज ) ७ ८ नाम. धन्धुक पूर्णपाल ह कृष्णराज दुसरा ध्रुवभट ૧૧ रामदेव १२ | विक्रमसिंह परस्परका सम्बन्ध. मूल पुरुष धूमराजके वंशमें नं. १ का पुत्र नं. २ का पुत्र नं. ३ का नं. ५ नं. ६ का पुत्र ७ का पुत्र नं. ८ का पुत्र नं. ६ का वंशज बुके परमारोंकी वंशावली । नं. १० का वंशज नं: ११ का भाई ज्ञात समय. वि. सं. १०५६ वि. सं. १०६६ और ११०२ के दो लेख. वि. सं. १११७ - ११२३ समकालीन राजा और उनके ज्ञात समय. सोलङ्की मूलराज १०३० से १०५१ राष्ट्रकूट धवल वि. सं. १०५३ विग्रहराज, चौलुक्य भीमदेव वि० सं० १०७८ से ११२० परमार भोज प्रथम वि. सं. १०७८, १०८७, १०९९ चाहमान बाल प्रसाद चौलुक्य कुमारपाल ( २४८ ) Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir

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