Book Title: Vidyut Prakashni Sajivta Ange Vicharna
Author(s): Yashovijay Upadhyay, Yashovijay of Bhuvanbhanusuri
Publisher: Divya Darshan Trust

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Page 139
________________ * परिशिष्ट-3 विद्वानोना मल्भिपाय* तेरापंथी भिक्षु अनुयायी Sus संधनो अभिप्राय... .... भ सरदारशहर १०-१.. २.. भारत भारीन भी न वेराव्य लेरापी निसु अनुमाश्री भावा संघ 1.0 - सारशहर - (राजस्थान ) जी. ५२. विषय - विद्यत (पीजी भचिनी भा समित हमारे देशपंथ धर्मसंघ से पूर्व भाचाची ने विद्युत (बीऊली) को सदा सचिर एवं जीव सादर माता पा एवं मानते थे। आज हम रापंथ से नवमा' - निरक्यग्राही माचार्म' की शपाती स्वामी ने मान संघ नियत (बीजा) को साचत एन जीव साहित मान है। वर्तमान में राम के पनि वसनीमा स्वामी की डीलीटी को सचित मानरे ! निदेव, # ॐन अवतार लशपंभी जिस मनुप्राभी कावन संघ की और से चन्दनमत थींडातमा सरदारशहर (राजलयान ) मदन चन्द ठातिया (१२3) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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