Book Title: Vicharsar Prakaranam Cha
Author(s): Pradyumnasuri, Manikyasagar
Publisher: Agamoday Samiti

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Page 175
________________ एगो भयवं वीरो एगो य सत्तमीए एयमिह दरिसणावरण एयस्स अकरणंमि एयं गच्छववत्थं एयं चैव पाण एयं नाऊण जणा एयं निसीहथे एयं वियारसारं एयं वीसुत्तरसय एयं ससल्लमरणं एवं च तिरियलोए एवं जे जिणवंदण एवं बारस वयाणि एवं मणेण वयमाइसु ओकारः ओवर रायपसेणी य ओसन्नोऽवि विहारे ओसप्पिणी मी ओसपिणुवसfप्पणी ओहे ओवउत्तो ककार: कट्ठाईवि दलं इह कम्पनिसीहदसाय कप्पा आयपमाणा १६६ ४३५ | कप्पा पाउरणं ५७९ कमसो चउदस सोलस ८२७ | कमसो तस्स पभावइ ७२९ | कम्मुद्देसियचरमतिय २४० कयलीदलगन्भसमा १७२ करचरणनयणदसणाइ ६३५ | करणाईं तिन्नि जोगा ६२० करणे जोए सन्ना ८९८ करेमि भंते! सामाइयं ८४३ | कलहकरा डमरकरा ८६६ | कह भयवं उबवज्जे ६१० कंठ हिठ्ठाहुत्ता ७१६ | काऊण य अभिसेयं कायमणोवयणाणं (१५७) ३६२ काले विणए बहुमाणु० काले सुइभूपणं कालो गोयरचरिया कालोचियजयणाए ३४७ ३२१ कासवगुत्ता स २३ किंकिल्ली कुसुमबुट्टी ३९ | किं कीरइ बहुए हिवि ८८३ किंचोणनवपुवधर कुक्कुइयं मोहरियं ६२८ | कुक्कुडिअंडगमाणा ३४९ | कुक्कुडिअंडयमित्ता २०७ | केवलनाणी निवाणी २२० ५५६ ४८२ ३०० २०४ २४४ ३५७ ३५६ (१२३) ५०२ ७९७ १५५ १०३ ४२१ ४०७ ६४१ ३६७ २४१ ५४८ ४६१ २३९ ५२६ ४२० २५५ ३१६ ५७

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