Book Title: Vicharsar Prakaranam Cha
Author(s): Pradyumnasuri, Manikyasagar
Publisher: Agamoday Samiti

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Page 181
________________ ६७४ १७२ देवेस उत्तमो लाभो ३२९ नयणेयरोहि केवल ८२४ देवेहिं संपरिखुडो १०२ नयरं पियरो माया ५३६ देसिय चाउम्मासिय ३७२ नरयदुर्ग तिरियदुर्ग ८१० देहं विमलं सुगंध नवई पुण कोडीओ ४५४ देहाणुमग्गलग्गं १५३ नवकारपोरसीए ७५४ दो चेव नमुकारे ७५७ नवकारेण जहन्ना ६७५ दो जाणू दुन्नि करा नवकारेण विबोहो दोणयं जहाजायं ७२५ नवजोयणवित्थिना ५५३ दो तिन्नि चउर पंच य ७११ नवणीओगाहिमए ७६० धकारः नव धणुसयाई पढमो २५ धणगो मिहुणो सीहो १०६ नवभागकए वत्थे ३२७ धण नरवइ सोहम्मे ७५ नवमो य महापउमो ५४२ धणमिहुण सुर महब्बल ६५ नवरं इत्थी खवगा ३६६ धन्नाणं विहिजोगो नवि अत्थि माणुसाणं ८५६ धम्मरयणस्स जुग्गो ३८७ नवि लेइ जिणा पिछी १२८ धम्माधम्मागासा ८०२ नहु किंपि अणुन्नायं ८९१ धम्मीसर सुद्धगई नहु किंपि अणुन्नायं ८९२ धम्मो अरजिणपउम्मे ४४४ नंदणपिया सालइपिया ४८१ धाई दुई निमित्ते नंदीसरि बावन्न धीरेणवि मरियवं ८६८ नागेसु उसमपिया नकारः नाणंतरायदसगं ८०९ न कयं दीणुद्धरणं ४२९ नाभी य जियसत्तू य ८७ नग्गोह सत्तिवन्ने १४८ नामे बायालीसा ८३३ नत्थि सारणा वारणा य २३७ निप्फन्नस्स य सम्म न पिया न चेव माया ८७९ निप्फाइऊण एवं न य किंचि जत्थ ६२७ निम्ममजिणो य होही ६३ ३९५ ६०७

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