Book Title: Vajjalaggam
Author(s): Jayvallabh
Publisher: Prakrit Text Society Ahmedabad
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VAJJALAGGAM
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96
बंधवमरणे वि हहा
459 । मग्गं चिय मलहतो बालय नाहं दूई Add. 438*3 मग्गंती मूलियमूलियाइ 553 बालं जराविलंगि 519 मज्झण्हपत्थियम्स
440 बाला असमत्तरया Add. 328*5 मडहं मालइकलिय
230 बालाकवोललावण्ण Add. 18*5 मडहुल्लियाइ किं तुह
231 बाला लावण्णणिही Add. 3186 मयणाणलसंधुक्खिय
385 बुद्धी सच्चं मित्तं Add. 90*12 मरुमरुमार त्ति
320 बेण्णि वि महणारंभे
131 मसि मलिऊण न याणसि 508. बेणि वि रणुप्पन्ना 203 मह एसि कीस पंथिय
491 बेण्णि वि डंति गईमो
महणन्मि ससी महणम्मि 32 बे पुरिसा धरइ धरा
45 महिला जत्थ पहाणा Add. 50*2 बे मग्गा भुवणयले 95 | महुरारज्जे वि हरी
603 बे वि सपक्खा तह 260 मंदारयं विवजह
529 भग्गं न जाइ घडिउ Add. 349*8 मा इदिदिर तुंगसु
245 भग्ग पुणो घडिजइ Add. 349*9 | मा उण्हं पियसु जलं
441 भग्गे वि बले वलिए
163 मा जाणसि वीसरियं Add.72* भग्गो गिम्हप्पसरो 646 | मा जागह जह तुंग
202 भणिओ वि जहन 506 मा जाणह मह सुहयं
576 भद्दमुहमंडणं 542 मा झिजसु अणुदियह
113 भई कलंगणाणं Add.:471*1 माणविहूण रुंदीह
789 भमर भमंतेण तए 1255 माणससररहियाणं
263 भमरो भमरो त्ति गुणो 247 माणससरोरुहाण Add. 263*2 भमिओ चिर असेसी 541 माणं अवलंबती
357 भमिओ सि भमसि 772 माण हु तम्मि किज्जा
363 भयवं हुयास Add. 4964 | माणिणि मुएस माणं
356 भुंजइ भुंजियसेसं
455 मा दोसं चिय गेहद भुंजंति कसणडसणा
159 मा पत्तियं पि दिज्जसु 488 भूमीगयं न चत्ता 723 मा पुत्ति कुणसु माण
358 भूमीगुणेण वडपायवस्स . 735 | मा पुत्ति वंकवंक
282 भूमीसयणं जरचीर 152 मा रज सुहंजणए
641 भूसणपसाहणाडंबरेहि
554 मा रुवसु ओणयमुही महरा मयंककिरणा 395 मा रुवसु पुत्ति
546 मउलंतस्स य मुक्का
739 | मालइ पुणो वि मालइ
748
473
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