Book Title: Uttaradhyayana Sutra
Author(s): Sudharmaswami, Girdharlal
Publisher: ZZZ Unknown
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मनरावयन
अर्हन्तकेगोवेवीदेवामीसर्वस्वरूपकहोतिवारेपनीमाताधववेकयो हनचास्विमवेकियाभोगकीएकंतचारिसपाना तिवारेचकहोमोपार जयेशीसदाचारिखनयलेदोमानीवमेकहोतोचएसलकवरू तिवारेनाताबोजीमकरीहेवेधावियापटोचमकररमातानोक्वनसानव्य
ते वैशम्पथकीतातीसिताऊंपरिपादोषगमनधणसमलेक्षणएकमोहिउस्मपरीसहसही नियतापनेसंजोगमावसाचीयोतिममानवीधरायो। परिणामस्थीकालकरीदेवताकलिमहलकेदलेकोमसमास्योमनीमरायोतिमकरवीरतिमानपरीसहजपरिमर्दन्तककथाझेया
चनालापळीवरसानानेकालेकांसममानो सम्लेकांसमसानेापना०जिमदायीसंगसंयामासानिमसरहाथी०ले कोकोधादिकनेनीन मन्मने। संभवतेतलीमांसमसानोपरीसस्कदै बाध्यात्मासीबा पवे थानेयकेमिलीजाई/जीवेपथ्षयरीने निमसावि/कांसमसानेवासनदीनानदा करीब agoफरस्पोवीचोद-कांसमसेकर मोटोमा हवासंग्रामनेवि सममानेवरी सस्पीबोथ रेतरायनदेवर कोदेतानानकर कोयदंसमसएशि समस्वमहामुनीनागोसंगामसीसेवासरोत्रनिदणे श्वानसनसेनदारितामणविन
नवदासीपणानेभा०पानांधकाम०पो असमसकदृष्टांतापानगरीयजितनुरुजानोअनशनषश्रीधर्मयशेषसरिकके।
करीनगेनहातानोमारायनेसो पतियोधकोमीवाली केतलेकानेश्रमपनवविवार करतो अस्वीपजतातिदान । पाजीवनें लोर
विमारत्याक्षेत्रमरायणा अनेमधुकृषीश्वरनेशरीशमकनामीवावरणातलागा उसनवेदनलेवाजतोमंससोलियार तिवारनामराकोसमसायीबीकापजावविराजिगारमामधीक्योकिलारत
नरनिवेशनानाऽचितवारेजीवसिकोतमांहिंदेषएदनाश्ऽषनर्कनाकातेसं नारतोयानचीयनरामुजाशकरककाऽरकारमतिरकाकोवनेश्नाजीनंतोवासकोहीविशनर्कमोहिनिकर्कसपरमतीमागा सवदतावादिपरमादामिनीकीवीवेदना परस्परखेदन नेवननेऽरकऊलेवर्णवीसकेजोवरसनीकोमिलगेबोलेरोपियोसीनसके क्लीनर्कना
पकहने कर्कशतावरमायामीनीकीधीनदना अनेछाममादिपचना लोहमयकंटकरजीवीयवोराइजेवमानकर/कागममजीदीकादि थिको छानेसामनीष्टक्षमाहियाकर्षकोषाताभिधारसरीराजेहनापांनाएहवाशसिदिसारिवातिलेकीसरीरबेदावलीता तोतकालीपावावेतस्लीनदीमारिकलावतेनारकीनकाईसवनधी यतःविनिमजामिनविनलीसहरकरूपधनराव नस्यालाहोनिसंपजाणारधीमांसमसानापरीसराहतो विचारेएलेनीदनारकीनीनेदनासदतथातियवादिकनी वेदनासहीतोत्रामा समसानवसनेकरूपेरकाश्मसाकमनचादिवितवी पिशनिश्वनकरीवरसत्वमा तननाननाईकालकरीदेवलोकेगया नियमानक बीस्वरेसमयानमारादिकनोपरीसरसहयोनिमबीजेपिणसहयोप

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