Book Title: Uttaradhyayan Sutra Mul Tabarth
Author(s): Sudharmaswami, Khetsi Jivraj Shah
Publisher: Khetsi Jivraj Shah
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शिष्यने
अरचने
जुत्त पंच बेहाथ जोमीने २२ एएणिपरे वित्त विनयजुक्त - सुरु सूत्रपाउ अरथवली तक सूचना पुत्र पूबता सी शिष्यने अर
पंजसिममो २२ एवं विणयजुत्तस्स सत्तं अखंच तनयं पुढमाएस्ससीसस्स। कान कहेगुरु जजेम साभाल्यो म मृषाने बजै. भिल साधु न न निश्कारणी भाषाने भा भाषाना दो फ त्यने होइ नेम २३ यसी. न बोसे
घने वागरेचं जहारूयं २३ ॥ मुसंपरिहरे भिस्तू ॥ नयनहारिणिवए ॥ भासादोसं परिहो। मात्र मायाने दली व वर्षे सदाई २५ ननबोले पुन बोसो सा सावध नानि नबोले नानप्रयोजनअर्थविना । क्रोधादिकने . व्योयको भाषाने
नबोले म मर्मक्चने अर मायंच वद्यएसया॥२४ान सविधं ॥ पुछो सावधं ॥ ननिरई ॥ नमम्मयं ॥ अपोताने अर्ये अयया परनेअर्थ जज विशुने अथै विनामजोग थोमू सर सोहारप्रमुषनी असुनाघरनेवि सं बेधरनी संधि
पणा अथवा नबोले २५ सालाने विधे ने विधे बसी || प्पागठा परवावा ॥ जनयरसंतरेगया॥२५॥ समरेसु ॥ अगारेस ॥ संधिस||
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