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मुना अ.अणखान्यानो परिसह १५ रोख रोगनो परिसह १६ तणनाफरसनो परिसह १५
जक मेसनो परिसह १८ समर
अलानपरिसहे॥१५॥ रोगपरिसहे॥१६॥ नएाफासपरिसहे॥१७॥ जलपरिसहे ॥१८॥ स सत्कार सन्माननो परिसह १९० ५० प्रज्ञा नुत्कर्षनी परिसह २० अ अजाएपएानो परिसह २१ दं समकिनधी मोक्षेनेदंस
एनेनी परिसह २२ कारपुरकारपरिसहे॥१९॥पन्नापरिसहे॥२०॥अन्नाएपरिसहे॥२१॥ दंसपपरिसरा२२॥ पए २२ परि के जूदी जूदी का काश्यव
तंत्र ने विचारणा कुँ तुमने आ. अनुक्रमें स. सहनी विचारणा गोत्री महावीरे परूपी
कहीस... सांभस एक परिसहाणं पविनत्ति कासवेणं पवेइया ॥ तंभेजदाहरिस्सामि ॥ आएपुचिस कहेतां १ दिन भूषव्यायेने दे सरीरने तनपसी नि साधु था सैजमने न नदे न०पचेनहि अनादिक
विषेबलवंत नरेदावे ने पोते, ऐहमे ॥१॥ दिगंगपरिगएदेहे तवस्सि भिस्कू थामवं नदिं नबिंदावए ॥||
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