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-: प्रकाशन सहयोगी :इस पुस्तक की ५०० प्रतियों के प्रकाशन में "श्री महावीवस्वामी जैन मंदिव ट्रस्ट"
देवदर्शन एपार्टमेंट, चेन्नई सहयोगी बना है। उनकी यह श्रुतभक्ति अनुकरणीय एवं अनुमोदनीय है।
एतदर्थ ट्रस्ट को सादर धन्यवाद।
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