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आउए (आयुषि) १९३
अद्धाणे (अध्वनि) ४०२, २०३ -म्मि विभक्ति स्वरान्त -
तिक्वम्मि (तीक्ष्णे) ६० उजमम्मि (उद्यमे) ४२२
स्त्रीलिंगी - आ - इ -ई कारान्त शब्दों के लिए निम्नलिखित विभक्तियाँ प्राप्त होती हैं
ए = सोगईए (सुगत्याम्) ४२६ इ : निक्वेवणाइ (निक्षेपणायाम्) २९९ य - वाणारसीय (वाराणस्याम्) १७
विभक्ति रहित शब्द द्वितीया विभक्ति - पाय (पादौ) ३६० तृतीया विभक्ति - अणापुच्छा (अनापृच्छया) ३७६ सप्तमी विभक्ति दुभिक्ख (दुर्भिक्षे) ४०२
सर्वनाम प्रयमा विभक्ति (अ) उत्तम पुरुष प्रथमा विभक्ति एकवचन के लिए केवल अहं शब्द ही प्राप्त होता है । (ब) मध्यम पुरुष एकवचन के लिए तुम (त्वम्) ३७७ और तं (त्वम्) ४६४ एक
एक बार प्राप्त होते हैं । (स) अन्य पुरुष नपुं. एकवचन के लिए इणं और इमं रूप विशेष तौर पर मिलते
हैं जिनका अनुपात २ : १ है । इसके अतिरिक्त इयं २०८ रूप मिलता है जो शब्द-कोश में तो मिलता है लेकिन डॉ. पिशल इस सम्बन्ध में मौन हैं ।
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