Book Title: Updeshmala
Author(s): Dharmdas Gani, Dinanath Sharma
Publisher: Shardaben Chimanbhai Educational Research Centre

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Page 225
________________ ९१. द्विवेदी अभिनन्दन ग्रन्थ काशी नागरी प्रचारिणी सभा, संवत् १९९६. ९२. नन्दीसूत्तं एण्ड अणुओगद्दाराई संपा. पुण्यविजय जी श्री महावीर जैन विद्यालय, बम्बई- २६ १९६८. ९३. वसुदेवहिण्डी ( प्रथम खण्ड ) भोगीलाल ज. संडेसरा श्री जैन आत्मानन्द सभा, भावनगर १९४६. ९४. छन्दोऽनुशासन सम्पादक : ह. दा. बेलणकर प्रकाशक : सिंघी जैनशास्त्र शिक्षापीठ भारतीय विद्या भवन, बम्बई सं. २०१७. ९५. नाट्यशास्त्रम् ( अभिनवगुप्त की वृत्ति सहित ) ऑरिएण्टल इन्स्टिट्यूट, बरोदा १९३४. ९६. प्राकृतलक्षणम् प्रकळळाशक : शाह मफतलाल माणेकचन्द श्री चारित्र - स्मारक ग्रन्थमाला वीरमगाम (गुजरात) सं. १९९२ ९७. प्राकृत व्याकरणम् व्याख्याता : प्यारचन्द्र जी महाराज प्रकाशक : श्री जैनदिवाकर दिव्य ज्योति कार्यालय : मेवाडी बाजार, ब्यावर (राज.) सं. २०२० ९. History of Indian Literature, Voi. II Winternitz Oriental Book Corporation 54, Rani Jhansi Road New Delhi, II ED. 1972. 3. A Comparative Study of the Language of Paumacariyam ९६ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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