Book Title: Tattvarthadhigam Sutraam Tasyopari Subodhika Tika Tatha Hindi Vivechanamrut Part 05 06
Author(s): Vijaysushilsuri
Publisher: Sushil Sahitya Prakashan Samiti

View full book text
Previous | Next

Page 4
________________ * * * * सम्पादक * जैनधर्मदिवाकर-शासनरत्न-तीर्थप्रभावक- | राजस्थानदीपक-मरुधरदेशोद्धारक परम पूज्याचार्यदेव श्रीमद्विजयसुशीलसूरीश्वरः * सत्प्रेरक * संयम-वयस्थविर-मधुरभाषी परमपूज्य वाचक प्रवर श्रीविनोदविजय जी गणिवर्यः एवं पूज्य पंन्यासप्रवर श्री जिनोत्तम विजय जी गणिवर्यः श्रीवीर सं. २५२४ प्रतियाँ १००० विक्रम सं. २०५४ प्रथमावृत्तिः नेमि सं. ४६ मूल्यम्-२५.०० 卐 द्रव्यसहायकः ॥ साहित्यमनीषि-कार्यदक्ष-सुमधुरप्रवचनकारक-परमपूज्याचार्य - श्रीमद्विजयजिनोत्तमसूरीश्वराणां सदुपदेशाद् द्रव्यसहायकः चान्दराई - नगरस्थ श्रीजैनश्वेताम्बरमूत्तिपूजकसंघः राजस्थान-मरुधरः । ' प्राप्ति-स्थानम् [१] प्राचार्यश्री सुशीलसूरि जनज्ञानमन्दिर शान्तिनगर, मु. सिरोही-३०७ ००१ (राजस्थान) [ २ ] श्री अष्टापद जैन तीर्थ सुशील-विहार मु. रानी स्टेशन-३०६ ११५ जिला-पाली (राजस्थान) - [३] चान्दराई श्री जैनसंघ पेढ़ी मु. चान्दराई, जि. जालोर (राजस्थान) * मुद्रक * ताज प्रिन्टर्स, जोधपुर (राज.)

Loading...

Page Navigation
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 ... 264