Book Title: Tattvamukta Kalap and Sarvarthasiddhi with Ananddayini and Bhavapraksa
Author(s): D Srinivasachar, S Narsimhachar
Publisher: D Srinivasachar, S Narsimhachar
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श्रमाणवचनम्
पुटम्
..... 329
196
पुटम् | प्रमाणवचनम्
उत्पन्नश्च स्थितो 100 उत्पन्ना जातु 370 340 उत्क्रन्तिगत्या
उत्पद्य यो विन उत्पादध्रौव्य उदयानन्तर उपयन्नपयन्
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इक्षुक्षार इति नित्यविकल्मो इति नैव प्रवृत्ति इति व्याप्तया इत्थमित्येव इत्येषा सह इदमित्थमिति इन्द्रियप्रतिघा
318
166
.... 386
20
08
"
-
इन्द्रियाणि तन्मा
293
| उभयथा खल्वथु 445 उभयव्यपदेशा
-
446
456 ऊर्ध्वमुद्गच्छति 458 446 एकसंघात 446 | एकादशं मनश्चात्र
446
इन्द्रियाणां इन्द्रियाणामेकादश इन्द्रियाण्यु इन्द्रियैरुप इयमेवात्मसं
439
464
450
| एका कन्या दशे 327 एकानेक
327
329 .... 344 .... 459
CT co co
404
उक्तस्य वक्ष्यमा उच्यते प्रथमा उत्तरसंख्यानुरो उत्तरानुगुण उत्पत्तावपि उत्पत्तिविनाशादय उत्पत्तिस्थित्याम उत्पत्त्यनन्तरं
.... 318 एकार्थक्रियया 344 | एकैकदहेष्वेक
एकोपका एतत्सर्व एतद्विभावयेद्योगी एतस्माजायते
455 328 465 543
368
330 एतावन्तं स्थितः
.... 380
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