Book Title: Tattvamukta Kalap and Sarvarthasiddhi with Ananddayini and Bhavapraksa
Author(s): D Srinivasachar, S Narsimhachar
Publisher: D Srinivasachar, S Narsimhachar

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Page 743
________________ 673 प्रमाणवचनम् पुटम् 611 प्रमाणवचनम् सत्वादिगुणा सत्स्वलक्षण सदेव सोम्यद 302 290 193 84 472 सा स देव यदि सन्निकुष्ट स पठद्भिः सप्तगतर्विशे 157 OL 00 O 000 10 -1 A संक्षोभ सरूपेण सर्व एव सर्व एव सर्वं च युज्यते सर्वत्रवानपे सर्वथा , सर्वदा निर्वि सर्वं न यु सर्व नियं सर्व प्रत्यु सर्वव्यापी सर्वशश्च न सं सर्वसंस्कार सर्वज्ञत्वादि संविद्विकास सर्वधर्माश्च सर्वाग्रहण सर्वे निमेषा सर्व प्राणा 191 373 373 418 382 191 281 114 सप्तानां गति समन्यतेऽतः समन्वयात् समष्टिव्यष्टि समस्तवस्तु समहीनाधिक समानदेश 636 258 191 369 2 422 2292 295 394 334 231 समुदायादि समेत्यान्योन्य सम्यज्ज्ञानपू S 621 321 संख्या 460 472 473 231 2.42 177 4 संग्रहकारिते वे संघातो जायत संबन्धग्रहणे संयुक्तद्रव्य संयुक्तो द्वा संयोगोष संवृत्ताभ सर्वेषामर्थानां सर्वात्मन् सर्वात्मनः सर्वादीनि स्पर्शरसगन्ध स्पष्टावभासं | संसरातनिरुप

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