Book Title: Tattvamukta Kalap and Sarvarthasiddhi with Ananddayini and Bhavapraksa
Author(s): D Srinivasachar, S Narsimhachar
Publisher: D Srinivasachar, S Narsimhachar
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प्रमाणवचनम्
पुटम् 611
प्रमाणवचनम् सत्वादिगुणा सत्स्वलक्षण सदेव सोम्यद
302
290
193
84
472
सा
स देव यदि सन्निकुष्ट स पठद्भिः सप्तगतर्विशे
157
OL 00
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संक्षोभ सरूपेण सर्व एव सर्व एव सर्वं च युज्यते सर्वत्रवानपे सर्वथा
, सर्वदा निर्वि सर्वं न यु सर्व नियं सर्व प्रत्यु सर्वव्यापी सर्वशश्च न सं सर्वसंस्कार सर्वज्ञत्वादि संविद्विकास सर्वधर्माश्च सर्वाग्रहण सर्वे निमेषा सर्व प्राणा
191 373 373 418 382 191 281
114
सप्तानां गति समन्यतेऽतः समन्वयात् समष्टिव्यष्टि समस्तवस्तु समहीनाधिक समानदेश
636
258
191
369
2
422
2292
295
394
334 231
समुदायादि समेत्यान्योन्य सम्यज्ज्ञानपू
S
621
321
संख्या
460
472 473 231
2.42
177
4
संग्रहकारिते वे संघातो जायत संबन्धग्रहणे संयुक्तद्रव्य संयुक्तो द्वा संयोगोष संवृत्ताभ
सर्वेषामर्थानां सर्वात्मन् सर्वात्मनः सर्वादीनि स्पर्शरसगन्ध
स्पष्टावभासं | संसरातनिरुप
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