Book Title: Tattvamukta Kalap and Sarvarthasiddhi with Ananddayini and Bhavapraksa
Author(s): D Srinivasachar, S Narsimhachar
Publisher: D Srinivasachar, S Narsimhachar

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Page 738
________________ 668 प्रमाणवचनम् पुटम् 464 443 भूतार्थभा भूतेन्द्रियाणा भूतस्त्वाग्यानं भूभगणभ्रम भूमेः पिण्ड भूमेर्बहि .... 378 .... 610 .... 59 ..... 594 .... 150 .... 237 .... 180 भूमेरध .... 186 .... 203 भूयस्त्वेनो भूलॊकाख्यो भूवायुराव भेदानां पारमा 111 595 प्रमाणवचनम् 335 मयाध्यक्षेण मरीचिरङ्गिरा | मरीचिस मरुच्चलो मलं कर्म च 593 महत्त्वैकत्व महदाद्या महद्दीर्घवद्वा 586 महाभूतानि महीजवृत्तो माणससुण्णा 5901 मानत्वं वर्तमा मायां तु प्रकृति मायागोलकवि मायोत्पादव | मिथ्याध्यारोप | मूर्ती धर्ता | मृजलशिखि | मृत्पिण्डप्राप्तानां मेषोदयः 601 | मेरुयोजन | मोहस्त्रभावा 474 | म्रनैर्यानां .... 28 .... 356 95 भ्रमति भ्रम भ्रान्तं च प्रत्य .... 320 423 389 .... 610 610 मत्सन्तानसम मद्विनाशात्फल मध्यमक्षण यध्येऽयस्का मध्ये समन्ता 177 मनश्च मन्तव्यं च मनष्षष्टानी मनष्षोडशक मनो बुद्धिरिह मनो बुद्धिरिति मन्दादधः मन्दामरेड्य ..... 61 150 य एषोऽन्तरा 459 | यच्चान्यथा 595 | यः क्षणी जा 589 यत्किञ्चित्सृज्यते

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