Book Title: Tattvamukta Kalap and Sarvarthasiddhi with Ananddayini and Bhavapraksa
Author(s): D Srinivasachar, S Narsimhachar
Publisher: D Srinivasachar, S Narsimhachar
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.... 423 .... 369 .... 123 .... 213
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प्रमाणवचनम् ततःप्रभृति यो ततःपरं पुन तत्किमेतन्नु तत्तजनपदी तत्तत्कर्मप्रवा तत्तत्पदार्थसं तत्तलक्षण . तत्तेज ऐक्षत तत्पर्यायान तत्प्रकर्षनिकर्षे तत्प्रमाणं बादरा तत्र पतिश्शिव तत्र पूर्वावस्था तत्र ये कृतका तत्राप्यवयवी तत्रैकमनारम्भक तत्वतः क्षणिका नेते
युटम् । प्रमाणवचनम् 346 तथा हि नाशकः 299 तथैव नियम
नथोत्पादस्तदा तदनतमं तदनन्तमसं तदनन्यत्वमा तदभाव तदशिष्यम् तदस्य परिमाणं | तदाकाले मु | तदुच्यते क्ष
तदुत्पत्तिविनाशा .... 310/ तदच्यते क्षण 319 | तदेवानुप्रा
तदक्षत बहु तद्धेदं तमाव्या
तद्वद्विना विशेषेर्न .... 329
तद्वद्विरोध .... 323
तबुद्धिधाराविश्रा तद्भावः परिणामः
.... 395 .... 245 .... 157 .... 386
F) GOGR+GH 1000 N H000 Ho How
GI
....
224
तत्वान्यत्वो तत्सन्तु चेतस्यथ
.... 386 .... 176 .... 257 .... 306 .... 139 .... 366 .... 77 .... 163 .... 165
166 .... 166 .... 363 ..... 152 .... 153
.... 129
तत्संबन्धस्वभाव तत्सृष्ट्वा
तद्भावाव्ययं .... 176 | तद्विपरीतम
213 तद्रूपस्यैव 164 | तन्मात्राणि
तथा पर्याय तथाऽपि नैव तथाऽपि तद्वियु . तथा बहिर्गता तथा स्यात्
"
349 568 | तन्मात्राणि 354 |
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