Book Title: Tattva Bindu
Author(s): Buddhisagar
Publisher: Adhyatma Gyan Prasarak Mandal

View full book text
Previous | Next

Page 188
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir तत्वविन्दु ( ९) ६०१ अपूर्वकरण आठमा गुणस्थानकमां मूलहेतु ये अने उत्तरहेतु बाविश. योगनवअने कषायतेर. ६०२ नवमा अनिवृत्ति बादर गुणस्थानकमां मूलहेतु वे अने उत्तरहेतु सोळ तेमां कषाय सात अने योग नद. संज्वलनना चार कषाय त्रण वेद ए सात कषायछे. ६०३ नवमा गुणस्थानकमां पुरुषवेद, स्त्रीवेद अने नपुंसक ए त्रण वेदनो उदय होपले. आ संबंधो विशेष मनन करी आत्मलक्ष्य राखयो. ६०४ दशमा गुणस्थानकमां मूलहेतु बे अने उत्तरहेतु दश तेमां योग नव अने एक संज्वलननो लोभ. ६०५ अगियारमा उपशम अने वारमा क्षीणमोह गुणस्थानकमां मूल हेतु एक. योगना उत्तरभेद नवछे. For Private And Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 186 187 188 189 190 191 192 193 194 195 196 197 198 199 200 201 202