Book Title: Tattva Bindu
Author(s): Buddhisagar
Publisher: Adhyatma Gyan Prasarak Mandal
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(१७८)
तस्वबिन्दु.
५९६ द्वितीय सास्वादन गुणस्थानकमां मूल हेतु त्रण अने उत्तरहेतु
पञ्चाश.
६९६ विजा गुणस्थानकमां मूलहेतु ऋण अने उत्तरहेतु तेतालीस
जाणवा. अत्रत बार, कषाय एकविश भने योगदश.
५९७ चोथागुणस्शनकमां मूल हेतु त्रण अने उत्तरभेद छेतालीश. बार
अवत, एकविश कषाय, अने तेरयोग.
५९८ पांचमा देशविरति गुणस्थानकमां अगियार अवत, सत्तरकषाय,
अगियारयोग. मूल हेतु प्रणछे.
५९९ छठा प्रमत गुणस्थानकमां मूलहेतु बे, उत्तरहेतु छन्विश, तेर
कषाय, तेरयोग.
६०० अप्रमत्त सातमा गुणस्थानकमां मूलहेतु वे अने उत्तरहेतु चोविश.
तेरकषाग अने अगियारयोम.
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