Book Title: Tattva Bindu
Author(s): Buddhisagar
Publisher: Adhyatma Gyan Prasarak Mandal

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Page 195
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir (१८६) तत्वबिन्दु. AAA देखे. नवग्रैवेयकना अधस्त्य मध्यम ग्रैवेयक देवताओ छठी नरक सुधी देखे. अने उपरितन ग्रैवेयक देवो सातमी नरकने देखे. अनुत्तरविमानवासी देवताओ संभिन्न अने चारे दिशामां पोताना ज्ञानवडे व्याप्त, कन्याचोलक संस्थान एवी लोकनाडीने अनधिज्ञानवडे देखे. वैमानिकन अधोक्षेत्र विषयक अवधिज्ञान कडं. तिच्छे अने उचं पण गुरुगमथी धारी लेवु (वि) ६२२ द्रव्यथी परभावधिज्ञानी सर्वरूपि द्रव्यने देखे. क्षेत्रथी परभाव विज्ञानी अलोकमां पण लोकप्रमाण खांडवां देखे. एटलुं सामर्थ्य बताव्यु. कालथी अवधि असंख्यात उत्सर्पिणी अवसर्पिणीने देखे. भावथी अवधिज्ञानीः रूपिद्रव्यगत असंख्यात पर्यायने देखे. चउदराजने देखतो छतो अवधिज्ञानी प्रतिपाती अने अलोकनो एक आकाश प्रदेश देखतो अप्रतिपाति अवधि ज्ञानी जाणवो. ६२३ अवधिज्ञानी परमाणु आदि देखे त्यारे अवश्य वादर द्रव्यने देखे. अने बाहर द्रव्य देखतां मूक्ष्मद्रव्य देखे एवो नियम नथी. ६२४ मनःपर्यायज्ञानी मनोद्रव्याणि मूक्ष्मण्यपि पश्यति चिन्तनीयंतु घटादि स्थूरमपिन पश्यति. मनापर्यवज्ञानी भूक्ष्मपण मनोद्रव्योने जाणेछे. चिन्तनीय घटादि स्थूलछे तोपण तेने देखी शकतो नथी. For Private And Personal Use Only

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