Book Title: Tansukhrai Jain Smruti Granth
Author(s): Jainendrakumar, Others
Publisher: Tansukhrai Smrutigranth Samiti Dellhi

View full book text
Previous | Next

Page 14
________________ अनुक्रम श्रद्धांजलियां, सस्मरण, प्रथम अध्याय 'ब * < < श्रद्धाजलिया लेखक याद तुम्हारी सेवाएं आती है तनसुखराय श्री कल्याणकुमार जी 'शशि' १-२ श्री साहू जी के उद्गार दानवीर साहू शान्तिप्रसाद जैन प्रेरणा के स्रोत श्री मिश्रीलाल जी गगवाल उनका नाम अमर रहेगा श्री तख्तमल जैन विचारवान व्यक्तियो मे अग्नगण्य सेठ अचलसिंह जी सदस्य लोकसभा जनकल्याण हितपी साहू श्रेयासप्रसाद जी व्यापक कार्यदृष्टि और निर्मल भावना सेठ ब्रजलाल जी वियाणी, अकोला कर्मठ एव लगनशील व्यक्ति दानवीर सेठ गजराज जी गगवाल, कलकत्ता दिलेर और अदम्य साहसी श्री लालचद जी जैन एडवोकेट रोहतक ७ वात्सल्य की मूर्ति सुश्री लेखवती जैन डिप्टी चेयरमैन पजाव विधान सभा चण्डीगढ ८, १० नई-नई सूझ के धनी श्री लक्ष्मीनारायण अग्रवाल मंत्री वैश्य को-ओपरेटिव बैक दिल्ली प्रगतिशील समाज सुधारक श्री जगजीवनराम जी भूतपूर्व रेल मन्त्री, भारत सरकार ११ कर्मठ कार्यकर्ता और निर्भीक नेता श्री महेन्द्रजी, सचालक साहित्यरत्न भडार प्रागरा ११ सेवामूति ला० तनसुखराय जी श्री रिषभदास जी राका अध्यक्ष, भारत जैन महामण्डल बम्बई १२, १३ अपने नाम को अक्षरश चरितार्थ किया श्री देशराज चौधरी उपाध्यक्ष दिल्ली कार्पोरेशन, दिल्ली १४ महापुरुषो के जीवन का व्यक्ति के चरित्र पर अद्भुत प्रभाव पड़ता है सम्पादकीय टिप्पणी १५ मैं किन-किन का कृतज्ञ हूँ अपनी कलम से १६, १८ श्रीमान् ला. तनसुखराय जी का जीवन चरित्र श्री सुमेरचन्द जैन, शास्त्री १६, ४८ अनमोल रत्न श्री प्रकाशचन्द टोग्या एम ए, बी. काम०, एलएल बी० इदौर धर्मपत्नी की दृष्टि में श्रीमती अशर्फी देवी धर्मपत्नी कर्मवीर ला. तनसुखराय जी जैन ४९, ५१ सुलभ मार्गी श्रीमती सुशीलादेवी उत्साही और सच्ची लगन के व्यक्ति श्री लालचंद जी सेठी मालिक विनोद मिल्स उज्जन ५२

Loading...

Page Navigation
1 ... 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 ... 489