Book Title: Tansukhrai Jain Smruti Granth
Author(s): Jainendrakumar, Others
Publisher: Tansukhrai Smrutigranth Samiti Dellhi

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Page 15
________________ दीपक के समान प्रकाशमान श्री महावीरप्रसाद एडवोकेट हिसार ५२ वे धन्य है. थी जियालाल जैन, प्रेसीडेण्ट दि जैन कालेज बड़ौत ५३ सहनशीलता और दूरदर्शिता के आदर्श श्री उग्रसन जैन, एम० ए०, एल०एल० वी० रोहतक सच्चे देशभक्त श्री वासुदेवशरण, अग्रवाल बनारस विश्वविद्यालय वाराणसी अपना जमाना पाप बनाते है प्रहलेदिल श्री देवेन्द्रकुमार जैन मैनेजर दि० जैन कालेज वडोत मेरठ ५५ A Man of Inspiration Shri Bhikha Lal Kapasi ५६, ५७ मानव हृदय का आलोक श्री सुल्तानसिंह जैन M.A ५८ लगनशील कार्यकर्ता जनरत्न श्री गुलावचन्द टोग्या इदार ५६ प्रेरणा के स्रोत' डा० ताराचद जैन (वस्नी) साहसी तेजस्वी नर रल रायवहादुर वा० दयाचद जी सर्वतोमुखी प्रतिभा सुश्री काता जैशीराम मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी महान परोपकारी सेठ मिश्रीलाल पाटनी वैकर्स ६१ Very Good Worker Shri Narındra Kumar Jain, B.A सफल जीवन श्री रूपचंद गार्गीय ६२ सबके प्रिय नेता श्री हीराचद जैन कर्मवीर श्री तनसुखराय जी फविरल श्री गुणभद्र जैन ः विरले महापुरुष श्री नरेन्द्र कैप्टेन ४ अपने काल के सरक्षक श्री जुगलकिशोर मुखत्यार ६५ स्वजनो की ओर से श्रद्धाजलिया सेठ रामगोपालजी ६६, ६७ श्रीशिसरचद जी श्री खूबचंद जी श्री गिरीलाल जी श्री रणजीतसिंह जी श्री किशनलाल जी श्री भगवानदास जी श्री गातीप्रसाद जी श्री कुलभूपण जी श्री रुलियाराम जी श्री विद्यावती स्वदेवारानी पाशादेवी, मन्तोषकुमारी, त्रिशालादेवी सच्चे सेवक श्रीमत विद्वान् ला० राजकृष्ण जी दरियागज, दिल्ली स्नेहशील महापुरुष श्री मातिकुमार गोवा


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