Book Title: Swarup Deshna Vimarsh
Author(s): Vishuddhsagar
Publisher: Akhil Bharatiya Shraman Sanskruti Seva samiti
View full book text
________________
(2) स्वयंभू स्तोत्र - (क) तथापि ते पुण्य.....दुरिताञ्जनेभ्यः ॥ 57 || समन्तभद्राचार्यजी, स्व० देशना पृ० 19,
स्वयंभू स्तोत्र- (ख) अहिंसा भूतानां
समन्तभद्राचार्यजी, स्व० देशना पृ० 86,
स्वयंभूस्तोत्र - (ग) तव वागमृतं.....व्यापि संसदिः ॥ 97 ॥ समन्तभद्राचार्यजी, स्व०देशना पृ० 170,
स्वयंभूस्तोत्र - (घ) लक्ष्मी विभव .....जस्तृणमिवाऽवभत् ॥88॥ समन्तभद्राचार्यजी, स्व० देशना पृ० 387,
(3) पंचास्तिकाय कुन्दकुन्दाचार्यजी (क) समण मुहुग्गदम....वोच्छामि || स्वरूप देशना पृष्ठ 32,
पंचास्तिकाय कुन्दकुन्दाचार्यजी (ख) अण्णोण्णं पविसंता......विजंहति ॥ 7 ॥ स्वरूप देशना पृष्ठ 211,
. यत्रा श्रमविधौ : ॥ 9 ॥
(4) वारसाणुपेक्खा कुन्दकुन्दाचार्यजी (क) मणिमंतो सहरक्खा . मरणसमयम्हि ॥ 8॥ स्वरूप देशना पृष्ठ 39, कुन्दकुन्दाचार्यजी (ख) सव्वम्हि लोयरवेत्ते.....खेत्तसंसारे ॥ 26 ॥ स्वरूप देशना पृष्ठ 244,
(5) नियमसार– कुन्दकुन्दाचार्यजी (क) मग्गोमग्गफलं .....होई णिव्वा णं ॥ 2 ॥ स्वरूप देशना पृष्ठ 49,
(6) दर्शन पाहुड— कुन्दकुन्दाचार्यजी (क) दंसण भट्टा भट्ठा ...सिज्झन्ति ॥3॥ स्वरूप देशना पृष्ठ 55,
(7) समय सार
स्वरूप देशना पृष्ठ 109,
कुन्दकुन्दाचार्यजी (क) सुदपरिचिदाण भूया.... विहत्तस्स ॥ 4 ॥
समय सार- कुन्दकुन्दाचार्यजी ( ख ) ण मुयइपयडिम भव्वो ..... णिव्विसा हुंति ॥ 317 ॥ स्वरूप देशना पृष्ठ 164,
समय सार- कुन्दकुन्दाचार्यजी (ग) अरसमरूवमगंधं....हि संगणं ॥ 49 ॥ स्वरूप देशना पृष्ठ 198,
216
समय सार (आत्मरव्याति टीका) – कुन्दकुन्दाचार्यजी (घ) जइजिणमथ..... उणतच्चं ॥ स्वरूप देशना पृष्ठ 380,
(8) रयणसार– कुन्दकुन्दाचार्यजी (क) दाणं पूयामुक्खं.
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
..तहासोवि ॥11 ॥
- स्वरूप देशना विमर्श
www.jainelibrary.org

Page Navigation
1 ... 230 231 232 233 234 235 236 237 238 239 240 241 242 243 244 245 246 247 248 249 250 251 252 253 254 255 256 257 258 259 260 261 262 263 264