Book Title: Surendra Bhakti Sudha
Author(s): Piyushbhadravijay, Jyotipurnashreeji, Muktipurnashreeji
Publisher: Shatrunjay Temple Trust

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Page 55
________________ {{{{{{{ गीत - ६ हैयानी नैयामां आवो ने... हैयानी नैयामां आवो खेवैया (२) तरावो ने भवनो सागर अमे तारा छैया... है सितारी ने प्रभु तमे सरगम, सुर रेलवे एना अर्हम् अर्हम्, मुक्तिनीलयना तमे बजवैया... तरावो... है आ चातक छे तमे मेघधारा भवोभवनी प्यास ना छो तमे बूजवनारा, अमे जो बाळ तो, तुम अम मैया... तरावो... अषाढी मेहुला प्रभुजी तमे जो, मनडा नो मोरलो टहुका करे तो, तारे मंदिरिये नाचुं ता थैया... तरावो... हैया तिजोरीमां तमे छो रुपैया हैया खजानामां, तमे छो सोनैया आतम मंदिरना तमे घडवैया.....तरावो.... 圈圈圈圈圈圈西西路 50】圈øoooooo圖

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