Book Title: Surendra Bhakti Sudha
Author(s): Piyushbhadravijay, Jyotipurnashreeji, Muktipurnashreeji
Publisher: Shatrunjay Temple Trust
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गीत - १३. (राग: झिलमिल सितारों....)
हरदम तमारा हुं गुण गाउं, कीर्तन करूं ने पावन थाउं... भक्ति केरा रंगे स्वामी हुं रे रंगाउ...
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आंख ज्यां मींचु त्यां स्वामी तमने निहाळु छु, रुडु रुडु रुप तमारुं, निरखीने हरखाउं छु, दर्शन थतां तो हुं रे अंजाउं...
कानमां गुंजे छे स्वामी, बोल तमारा उपकारी, सुना सुना जीवनमां जागे मीठी झंकारी, चिंतननी धारामां हुं रे भींजावं...
श्वास ज्यां लउं त्यां स्वामी, तमे हृदय मां आवो छो, बूरी बूरी वासनाओ, त्यांथी दूर करावो छो, अर्पण तमोने हुं थई जाउं... कीर्तन...
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