Book Title: Surendra Bhakti Sudha
Author(s): Piyushbhadravijay, Jyotipurnashreeji, Muktipurnashreeji
Publisher: Shatrunjay Temple Trust
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गीत - ११
नानकडी झुपडी ने नानकडं हैयुं
आंगणीये आवो पारसनाथ मारे घेर आवो पधारो...
स्नेह हृदयना मंदिरे पधारो, .
विरहनी वेदना आवी निहाळो, वाटलडी जोवू दिनानाथ...
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व्हाला पारसनाथ क्यारे पधारशो?
आवी सेवकने क्यारे उध्धारशो? तुं मुज जीवन संगाथ...
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अंतरने बारणे तोरण बंधावं,
मोतीना साथिया आंगणे पूरा,, दीवडा प्रगटाईं आज...
निशदिन भावथी तारा गुण गावं, ..
हैयामां भक्तिनी उर्मीओ जगावं,
___दर्शन द्यो पारसनाथ...! FREERS5ER
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