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मेरे ज्ञान का साथी
मेरे ज्ञान का साथी ज्ञायक प्रभु परमात्मा ही है प्रत्यक्ष मेरे समक्ष सदैव ही मेरा साथी ही है यह शरीर, शरीर के अवयव मेरे साथी नहीं पुण्य पाप के संयोग भी तो मेरे साथी नहीं.
मेरे ज्ञान का साथी ज्ञायक प्रभु परमात्मा ही है प्रत्यक्ष मेरे समक्ष सदैव ही मेरा साथी ही है अनुकूल, प्रतिकूल परिस्थितियां भी मेरे साथी नहीं निरोगी अथवा रोगी शरीर भी मेरा साथी नहीं.
मेरे ज्ञान का साथी ज्ञायक प्रभु परमात्मा ही है प्रत्यक्ष मेरे समक्ष सदैव ही मेरा साथी ही है शुभाशुभ भाव भी मेरे अंतर के साथी नहीं भाव आते हैं, कमजोरी से हैं पर मेरे साथी नहीं.
मेरे ज्ञान का साथी ज्ञायक प्रभु परमात्मा ही है प्रत्यक्ष मेरे समक्ष सदैव ही मेरा साथी ही है। तत्समय की योग्यता में शुभाशुभ का प्रभाव है दुनिया मुझे मेरे शुभाशुभ भावों से ही पहचानती है.
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