Book Title: Supasnahachariyam Part 01 Author(s): Lakshmangani, Hiralal Shastri Publisher: ZZZ Unknown View full book textPage 4
________________ जैन - विविध साहित्य-शास्त्रमाला ( ४ ) Jain Education International श्रीलक्ष्मणगणिविरचितं सुपासनाहचरिं । ( प्रथमो भागः ) गुर्जर देशान्तर्गत राजधन्य पुरवास्तव्येन श्रेष्ठित्रिकमचन्द्रतनूजेन कलिकाताविश्वविद्यालये संस्कृत - प्राकृताध्यापक-परीक्षकेण न्याय-व्याकरणतीर्थपदवीकेन पण्डित - हरगोविन्ददासेन संशोधित संस्कृतच्छायया विभूषितं च । वीरसंवत् २४४४ For Private & Personal Use Only [ मूल्यं रूप्यकम् । www.jainelibrary.orgPage Navigation
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