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दिवसीय इस समारोह में विभिन्न धार्मिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम सम्पन्न हुए। समारोह का समापन प्रख्यात् विधिवेत्ता डॉ० लक्ष्मीमल सिंघवी के मुख्य आतिथ्य एवं ब्रह्मचारी श्री रवीन्द्रकुमार जैन की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ।
पिडावा (राजस्थान) एवं भानपुरा ( मन्दसौर- मध्यप्रदेश) में अनेकान्त वाचनालय की शाखाएँ स्थापित
जिनवाणी के संरक्षण एवं प्रचार-प्रसार के लिये पूर्णरूपेण समर्पित ब्रह्मचारी सन्दीप जैन एवम् उनके सहयोगी ब्रह्मचारी भाइयों एवं ब्रह्मचारिणी बहनों के सक्रिय सहयोग से ३१ अक्टूबर को पिडावा तथा २ नवम्बर को भानपुरा में अनेकान्त वाचनालय की क्रमशः ८वीं और ९वीं शाखाएँ स्थापित की गयीं। इन वाचनालयों के प्रारम्भ हो जाने से स्थानीय लोगों में निश्चित रूप से स्वाध्याय के प्रति जागरूकता आयेगी।
श्रुत संवर्धन पुरस्कार एवं सराक पुरस्कार वर्ष २००१ घोषित
मेरठ २६ नवम्बर : उपाध्यायश्री ज्ञानसागर जी महाराज की प्रेरणा से स्थापित श्रुत संवर्धन संस्थान, मेरठ द्वारा वर्ष २००० तक २१ विद्वानों को उनके द्वारा जैनविद्या के विभिन्न क्षेत्रों में दिये गये उत्कृष्ट योगदान हेतु सम्मानित किया जा चुका है। ५ श्रुतसंवर्धन पुरस्कारों के अन्तर्गत प्रत्येक पुरस्कार में ३१,०००/- रुपये की सम्मानराशि, शाल, श्रीफल एवं प्रशस्तिपत्र प्रदान कर चयनित विद्वान् का सम्मान किया जाता है। इस वर्ष ये पुरस्कार पं० मल्लिनाथ जैन शास्त्री - चेन्नई, डॉ० श्रेयांस कुमार जैन- बड़ौत, श्री जयसेन जैन- इन्दौर, डॉ० भागचन्द्र जैन 'भास्कर'- नागपुर एवं श्रीमती नीलम जैन- गाजियाबाद को प्रदान करने की घोषणा की गयी। इसी संस्थान द्वारा वर्ष २००१ के २५,०००/- रुपये के सराक पुरस्कार से सुप्रसिद्ध समाजसेवी श्री कमलकुमार जैन, साढम को सम्मानित करने का निश्चय किया गया।
बाल संस्कार एवं योगशिविर सम्पन्न
कच्छ २८ नवम्बर : पार्श्वचन्द्रगच्छीय अध्यात्मप्रेमी मुनिराज श्री भुवनचन्द्रजी म०स० की प्रेरणा से उन्हीं के सान्निध्य में कच्छ के मोटी खाखर ग्राम में स्थानीय श्रीसंघ द्वारा दिनांक १७ नवम्बर से २७ नवम्बर तक बालसंस्कार शिविर लगाया गया जिसमें ८ से १४ वर्ष तक के ५४ बालक-बालिकाओं ने भाग लिया। इन्होंने शिविर में रहकर धार्मिक विधियाँ, तत्त्वज्ञान, योगासन आदि का उत्साह से प्रशिक्षण लिया। इसी शिविर के साथ ही ११ दिवसीय योगशिविर एवं मैग्नेट थेरापी तथा एक्यूप्रेशर द्वारा उपचार का एक कैम्प भी लगाया गया जिसका भरपूर लाभ स्थानीय लोगों ने उठाया ।
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