Book Title: Sramana 2001 10
Author(s): Shivprasad
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi

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Page 213
________________ २०७ संस्थाओं/व्यक्तियों के प्रबन्धन से स्वयं सीधे न जुड़े हों। स्वयं द्वारा स्वयं के लिए प्रस्तुत नामांकनों पर विचार नहीं किया जायेगा नामांकन-पत्र भगवान् महावीर फाउण्डेशन, ११, पोन्नपा लेन, ट्रिप्लिकेन हाई गोड, चेनई-६०० ००५ से मंगवा सकते हैं, अथवा उसका प्रारूप नीचे दी गयी वेबसाइटों से भी प्राप्त किया जा सकता है.---- www.jainsindia.org/sugaldamani.org नामांकन प्राप्त करने की अन्तिम तिथि ३१ जनवरी, २००२ है। SEEM Sur THE शोक-समाचार विश्वविख्यात् मुद्राविद् डॉ० परमेश्वरीलाल गुप्त का निधन __ भारतीय मुद्राशास्त्र के विश्वप्रसिद्ध विद्वान् डॉ० परमेश्वरीलाल गुप्त का पिछले २९ जुलाई को अंजनेरी-नासिक (महाराष्ट्र) में निधन हो गया। डॉ० गुप्त ने भारतकला भवन, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय,वाराणसी एवं प्रिंस ऑफ वेल्स म्यूजियम, मुम्बई में मुद्रातत्त्वविद् के रूप में कार्य किया। सन् १९६३ में वे पटना संग्रहालय के निदेशक बने और १९७२ तक इस पद पर बने रहे। पचास से भी अधिक शोधपरक ग्रन्थों के लेखक डॉ० गुप्त ने अंजनेरी, नासिक में मुद्रातत्त्वशास्त्र के अध्ययन के लिये सुप्रसिद्ध संस्थान स्थापित किया जिसमें देश-विदेश के विद्वान् अध्ययन कर रहे हैं। लन्दन की रायल न्यूमिस्मेटिक सोसायटी ने उन्हें अपना फेलो बनाया। ऐसे बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी विद्वान् के निधन का समाचार उत्तर प्रदेश के किसी भी समाचारपत्र में नहीं छपा और उनकी मृत्यु के दो महीने बाद ही उनके शुभचिन्तकों एवं विद्वानों को उक्त शोकजनक समाचार मिला। यद्यपि डॉ० गुप्त भौतिक रूप से आज हमारे बीच नहीं हैं; किन्तु अपनी कालजयी कृतियों के कारण वे सदैव जीवित रहेंगे। e sh धनराज जी खटेड़ स्वर्गस्थ पार्श्वनाथ विद्यापीठ की प्रवक्ता डॉ० सुधा जैन के पिता लाडनूं निवासी तेरापंथी सुश्रावक धनराज जी खटेड़ का ७ दिसम्बर को लाडनूं में हृदयाघात से आकस्मिक निधन हो गया। स्व० धनराज जी धार्मिक प्रवृत्ति के व्यक्ति थे तथा तेरापंथ के नवें आचार्य गणाधिपति श्री तुलसी के संसारपक्षीय भतीजे थे। ६८ वर्षों की आयु में भी अन्तिम समय तक आप पूर्ण स्वस्थ रहे। आपके निधन का समाचार सुनते ही संस्थान में शोक-सभा आयोजित कर दो मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धाञ्जलि अर्पित की गयी और उस दिन शोकावकाश घोषित कर दिया गया। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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