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भगवान् महावीर का २६०० वां जन्म कल्याणक महोत्सव
भारत सरकार ने बृहद् स्तर पर भगवान् महावीर का २६०० वां जन्म कल्याणक महोत्सव मनाने का महत्त्वपूर्ण निर्णय लिया है। यह महोत्सव ६ अप्रैल २००१ से प्रारम्भ होकर आगामी महावीर जयन्ती तक पूरे वर्ष पर्यन्त विभिन्न आयोजनों के साथ चलता रहेगा। इसी सन्दर्भ में केन्द्रीय सरकार ने प्रान्तीय सरकारों को भी स्थानीय स्तर पर समिति गठित करने का निर्देश दिया है, तदनुसार लगभग हर प्रान्त में ये समितियाँ गठित हो चुकी हैं।
केन्द्रीय सरकार के समक्ष एक विस्तृत कार्यक्रम की भी रूपरेखा प्रस्तुत की गई है जिससे हम सभी भलीभाँति परिचित हैं । अब यह हमारा कर्तव्य है कि हम इन आयोजनों के माध्यम से समाज और राष्ट्र के लिये क्या योगदान दे सकते हैं । यहाँ यह भी उल्लेखनीय है कि विगत वर्ष संयुक्त राष्ट्रसंघ के तत्त्वावधान में एक सम्मेलन हुआ था जिसमें सम्पूर्ण विश्व से धार्मिक और सामाजिक नेता सम्मिलित हुए थे। इसमें श्रीमती इन्दु जैन, गुरुदेव चित्रभानु आदि प्रमुख जैन हस्तियाँ भी उपस्थित थीं।
जन्म कल्याणक महोत्सव को अधिकाधिक सफल बनाने के लिये समाज की ओर से भी एक केन्द्रीय समिति गठित की गयी है। जिसके महासचिव श्री एल०एल० आच्छा हैं। केन्द्रीय सरकार ने इस महोत्सव को सफल बनाने के लिये १०० करोड़ रुपये अनुदान देने की घोषणा भी की है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने भी २६०० वें जन्मकल्याणक महोत्सव के अवसर पर एक समिति गठित की है जिसमे संस्थान के पूर्व निदेशक प्रो० सागरमल जैन और वर्तमान निदेशक प्रो० भागचन्द्र जैन 'भास्कर' को भी सम्मिलित किया गया है।
८ मार्च को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गठित भगवान् महावीर २६००वीं जन्म कल्याणक महोत्सव समिति की मुख्यमन्त्री माननीय श्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में लखनऊ में एक बैठक हुई जिसमें अनेक महत्त्वपूर्ण निर्णय लिये गये। संस्थान के निदेशक प्रो० भागचन्द्र जैन ने संस्थान में संगोष्ठियाँ, कार्यशालायें तथा व्याख्यानमालायें आयोजित करने का प्रस्ताव इस निवेदन के साथ रखा कि सरकार संस्थान के लिये तदर्थ आर्थिक अनुदान दे। उन्होंने जैन विद्या संस्थान, लखनऊ को भी पुनर्जीवित करने का अनुरोध किया। निदेशक महोदय ने सारनाथ और चन्द्रावती के विकास के लिए भी प्रस्ताव रखा। माननीय मुख्यमन्त्री जी ने इन सबके लिये आर्थिक अनुदान देने हेतु विचार करने का आश्वासन दिया। अन्य सदस्यों के प्रस्तावों पर भी काफी विचार हुआ और मुख्यमन्त्री जी ने महावीर पर एक वेबसाइट तैयार करने के लिये १० लाख रुपये के अनुदान की घोषणा कर दी। इसी के साथ ही पार्कों और राजमार्गों का नामकरण भगवान महावीर से सम्बद्ध रखना तथा महावीर जयन्ती का बड़े पैमाने पर आयोजन
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