________________ 170 18 वर्ष के ऊपर के प्रतियोगी के लिये : प्रथम पुरस्कार 2500 रु. द्वितीय पुरस्कार 1500 रु. तृतीय पुरस्कार 1000 रु. प्रतियोगिता की भाषा निबन्ध हिन्दी या अंग्रेजी दोनों भाषाओं में हो सकते हैं। चयन की प्रक्रिया के निर्धारित मानदण्ड 0 निबन्ध की गुणवत्ता, विचार सम्प्रेषण की स्पष्टता एवं उनका सम्यक् प्रस्तुतीकरण। निबन्ध में अपने कथन का सप्रमाण प्रस्तुतीकरण एवं आवश्यक स्थलों पर मूल ग्रन्थों से सन्दर्भ। 0 भाषा का स्तर। निबन्ध मूल्यांकन प्रतियोगिता में प्राप्त निबन्धों का मूल्यांकन जैन धर्म दर्शन के तीन लब्धप्रतिष्ठ विद्वानों द्वारा किया जायेगा। चयन-प्रक्रिया 0 भेजे गये निबन्ध पार्श्वनाथ विद्यापीठ को 30 सितम्बर, 2001 तक स्वीकृत होंगे। समस्त निबन्धों की फोटो कॉपी बनायी जायेगी तथा प्रतियोगियों के उमवर्ग के आधार पर उन्हें एक विशेष कोड नं० दिया जायेगा। 0 निबन्धों की फोटो प्रतियाँ (बिना लेखक के नाम के) जिनमें कोड नं० अंकित होगा, प्रत्येक निर्णायक को भेजी जायेगी। निर्णायकों द्वारा अंकित निबन्ध प्राप्त होने पर उनमें क्रमश: प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार के लिए चयनित प्रतियोगियों की घोषणा की जायेगी। विजेता प्रतियोगियों के निबन्धों को पार्श्वनाथ विद्यापीठ से प्रकाशित होने वाली शोध-पत्रिका श्रमण के सन् 2002 के प्रथम अंक में प्रकाशित किया जायेगा। विजेता प्रतियोगो को पार्श्वनाथ विद्यापीठ, वाराणसी में एक सादे समारोह के अन्तर्गत सम्मानित किया जायेगा। नोट : कृपया निबन्ध के साथ अपनी पासपोर्ट साइज का फोटो एवम् हाईस्कूल सर्टिफिकेट की फोटो प्रति (Photocopy) अवश्य भेजें। निबन्ध के साथ एक सादे कागज पर अपने पूरे पते सहित अपनी शैक्षिक योग्तया का विवरण भी भेजें। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org