Book Title: Sramana 2001 01
Author(s): Shivprasad
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi

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Page 175
________________ उद्देश्य निबन्ध प्रतियोगिता पार्श्वनाथ विद्यापीठ नवयुवकों के बौद्धिक विकास एवं जैन धर्म-दर्शन के प्रति उनकी जागरूकता को बनाये रखने के लिए एक निबन्ध प्रतियोगिता का आयोजन कर रहा है। पार्श्वनाथ विद्यापीठ लम्बे समय से यह अनुभव कर रहा था कि लोगों को जैन धर्म-दर्शन की यथार्थ जानकारी होनी चाहिये, क्योंकि जैन दर्शन में ही विश्व दर्शन बनने की क्षमता है। इस निबन्ध प्रतियोगिता का एक उद्देश्य यह भी है कि लोगों में पठन-पाठन एवं शोध के प्रति रुचि पैदा की जाय, जो विचारों के आदान-प्रदान के माध्यम से ही सम्भव है। कौन प्रतियोगी हो सकते हैं कोई भी व्यक्ति चाहे वह किसी भी धर्म, जाति, सम्प्रदाय का हो या किसी भी उम्र का हो इस प्रतियोगिता में भाग ले सकता है। पार्श्वनाथ विद्यापीठ के कर्मचारियों एवं उनके निकट सम्बन्धियों के लिये यह प्रतियोगिता प्रतिबन्धित है। विषय 'जैन धर्म और पर्यावरण संरक्षण' आयुवर्ग के आधार पर निबन्ध के लिए निर्धारित पृष्ठ संख्या (१) १८ वर्ष तक — डबल स्पेश में फुलस्केप साईज (८.५x१४) में टंकित (Type) पूरे चार पेज (२) १८ वर्ष के ऊपर - डबल स्पेश में फुलस्केप साईज (८.५x१४) में टंकित (Type) पूरे आठ पेज पुरस्कार निर्णायक मण्डल द्वारा चयनित प्रतियोगी को निम्नानुसार पुरस्कार देय होगा१८ वर्ष तक के प्रतियोगी के लिये : Jain Education International प्रथम पुरस्कार २५०० रु. द्वितीय पुरस्कार १५०० रु. तृतीय पुरस्कार १०००रु. For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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